एजेंसी/ हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के फैसले को केंद्र सरकार की चुनौती दिए जाने पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा। इस मुद्दे की सुनवाई शुक्रवार को साढ़े तीन बजे से शुरू होगी जिसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा या फिर हट जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रपति शासन को हटा दिया गया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए त्वरित सुनवाई की मांग की थी जिस पर रजिस्ट्रार जनरल और मुख्य न्यायाधीश को फैसला करना था। इसके लिए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। कोर्ट में एजी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले की दूसरी प्रति मुहैया नहीं कराई है और राज्य में फिर से पुरानी सरकार की बहाली के आदेश के बाद तेजी से फैसले लिए जाने लगे हैं। ऐसी स्थिति में त्वरित सुनवाई की जरूरत है।
गौरतलब है कि गुरुवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाता हुए राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाने के आदेश दिए थे। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए थे।
हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को अपना अहम फैसला देते हुए लगभग 28 दिनों से अलग अलग मुद्दों को लेकर हो रही बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। फैसले की मुख्य बात यह थी कि इसके अनुसार कोर्ट ने 26 मार्च की स्थिति को बहाल कर दिया, जिसके अनुसार तब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे उन्हें फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना था और बागी विधायक स्पीकर के द्वारा निलंबित थे। अत: इस निर्णय के अनुसार पुन: वहीं स्थितियां बन गई हैं। मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। उत्तराखंड में धारा 356 का प्रयोग कर राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को हरीश रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।