
नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों के बाद उठे ईवीएम बवाल के बाद अब एक ऐसा मामला सामने आया जिसने लोगों को भौचक्का सा कर दिया है। ताजा मामले में खबर है कि आने वाले नगर निगम चुनाव में भाजपा चुनाव निशान कमल की जगह हांथी पर वोट डालने की अपील कर रही है। इसके साथ ही भाजपा उमीदवार इस बात का भी दम भर रहे हैं कि हाथी का बटन दबाने पर वोट भाजपा को ही जाएगा। पड़ गए न हैरत में, भाजपा की इस अनोखी अपील ने आप जैसे कई लोगों को हैरान कर दिया।
ईवीएम बवाल के बाद भाजपा की अनोखी अपील
ख़बरों के मुताबिक़ दिल्ली के लाडो सराय वार्ड में सुबह सुबह जब लोगों के घर में अखबार आया तो उसमें बीजेपी की ओर से डाली गई एक पर्ची में बड़ी अजीब अपील की गई थी।
इस पर्ची में लिखा था कि इस इलाके से बीजेपी को जिताने के लिए बहुजन समाज पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी पर ईवीएम में बटन दबाएं।
इस पर्ची में मतदाताओं को विस्तार से समझाया गया था कि कैसे इलाके की बीएसपी कैंडिडेट लता सोनी ने अपने पूरे परिवार के साथ बीजेपी ज्वाइन कर लिया था, लेकिन तब तक वो बीएसपी के टिकट पर नामांकन कर चुकी थी, और चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक एक बार नामाकंन दाखिल कर लेने के बाद चुनाव चिन्ह बदला नहीं जा सकता है।
बीजेपी के ओर से बांटी गयी इस पर्ची में पार्टी ने लोगों से हाथी छाप निशान पर ईवीएम का बटकर दबाकर लोगों से बीजेपी कैंडिडेट को जिताने की अपील की गई है।
इस पर्ची में आगे लिखा है, ‘प्यारे दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि लाडो सराय (वार्ड नंबर 67) से बीजेपी ने मिस पिंकी को अपना कैंडिडेट घोषित किया था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से उनका नामांकन कैंसिल हो गया, अब बीजेपी ने इस क्षेत्र से बीएसपी कैंडिडेट लता सोनी (पूर्व एसबीआई अधिकारी) को सपोर्ट किया है।
मिसेज लता सोनी और उनके पूरे परिवार ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया है लेकिन जैसा कि चुनाव आयोग का नियम कहता है कि अब उनका चुनाव चिन्ह बदला नहीं जा सकता है। इसलिए आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि आप इस इलाके से बीजेपी को जिताने के लिए हाथी के निशान पर बटन दबाएं।’
खबर है कि इस पूरे मामले की हकीकत बसपा से बीजेपी कैंडीडेट बनी लता सोनी ने भी बयान की है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इससे मतदताओं में कोई भ्रम की स्थिति पैदा होगी।
बता दें बीजेपी के लिए ऐसे हालात सिर्फ लाडो सराय में ही नहीं बल्कि अबुल फज़ल एनक्लेव, विनोद नगर, बारापूला और किशनगंज में भी पैदा हो गये हैं। जहां 6 कैंडिडेट का पर्चा तकनीकी खामियों की वजह से रद्द कर दिया था।
ऐसी स्थिति में भाजपा इन सीटों पर कमल को छोड़ विपक्षी दलों के चुनाव निशान को दबाने की अपील कर रही है। इस कतार में निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं जो अब भाजपाई बन चुके हैं। यह भी दावा है कि इस मामले में अब चुनाव आयोग भी कुछ नहीं कर सकता है।