गर्मियों में सोच समझकर चुनें सनस्क्रीन, जानिये क्या है साइडईफैक्टस

सनस्क्रीन के साइड इफेक्ट्सगर्मियों में अक्सर सलाह दी जाती है कि दिन में बाहर निकलना हो तो सनस्क्रीन लगाना न भूलें। सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से सन बर्न, टैनिंग, स्किन कैंसर की समस्या होती है। ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग बेस्ट माना जाता है। लेकिन केमिकल एलिमेंट से बने इस प्रोडक्ट के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। इनमें टेट्रासाइक्लिन, सल्फा ड्रग्स और फेनोथियोजिन्स जैसे केमिकल्स मिले होते हैं जो की स्किन को नुकसान पहुँचाते हैं।

सनस्क्रीन के साइड इफेक्ट्स

  • बाज़ार में आमतौर पर बिकने वाली सनस्क्रीन में PABA नाम का केमिकल होता है जिसके कारण स्किन में ऐलरजिक रिएक्शन जैसे स्किन रैशेस, दाने और इचिंग होती है
  • अगर एक्ने प्रौन स्किन है तो सनस्क्रीन आपके लिए हानिकारक है। इससे आपकी स्किन ज़्यादा खराब हो सकती है।
  • ऑयली स्किन है तो नॉन ऑयली या नॉन कोमेडोजेनिक सनस्क्रीन का यूस करें।
  • बॉडी सनस्क्रीन को चेहरे पर लगाने से बचें क्योंकि ये काफी हैवी होता है।
  • अगर सनस्क्रीन आंखों में चली जाए तो इससे जलन तो होती ही है पर कुछ केमिकल सनस्क्रीन्स से ब्लाइंडनेस यानी अंधापन भी हो सकता है।
  • बच्चों को सनस्क्रीन उनके स्किन टाइप के मुताबिक लगाएं क्योंकि उनकी स्किन नाज़ुक होने के कारण कोमिकल्स को जल्दी ऐबसार्ब कर लेती है।

 कैसे बचें सनस्क्रीन के साइडईफैक्टस से

  • घर से निकलने से 15-20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।
  • अगर आप स्विमिंग करते हैं तो एक्टीविटी से पहले और बाद में सनस्करीन लगाना ना भूलें।
  • वैसे ज़रूरी नहीं कि सनस्क्रीन घर से बाहर जाने से पहले ही लगाया जाए, जब घर पर हों तब भी इसका प्रयोग करें।
  • सनस्क्रीन को हर चार से पाँच घंटे में लगाना चाहिए।
  • सेनसिटिव यानी संवेदनशील स्किन हो तो डॉक्टर की सलाह से स्किन टाइप के मुताबिक सनस्क्रीन का चुनाव करें।
  • अगर सनस्क्रीन से जलन महसूस हो तो तुरंत चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
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