सुप्रीम कोर्ट के एक झटके से हिल गए राम जेठमलानी, नहीं चली मनमानी

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय से उपहार सिनेमा हॉल के मालिक गोपाल अंसल बुधवार को किसी तरह की राहत पाने में विफल रहे। अदालत ने अंसल के समर्पण की तारीख को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। अंसल को 1997 के अग्निकांड मामले में बाकी सजा के लिए समर्पण करने को कहा गया था। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुवाई वाली एक खंडपीठ ने समर्पण की तारीख को बढ़ाने से इनकार कर दिया और मामले को गुरुवार के लिए रख दिया। गोपाल अंसल को 9 मार्च (गुरुवार) को समर्पण करना था। असंल को अपनी बाकी सजा के सात महीने जेल में काटने हैं, इससे पहले वह चार महीने की सजा काट चुके हैं।

गोपाल अंसल अपने भाई सुशील अंसल के साथ 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड में सह आरोपी हैं। इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।

वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई को नौ दिनों के होली अवकाश के बाद के लिए टाल दिया जाए और तब तक के लिए गोपाल अंसल के समर्पण की तारीख बढ़ा दी जाए।

खंडपीठ ने जेठमलानी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को की जाएगी।

गोपाल अंसल ने अपने बड़े भाई सुशील अंसल से समानता की मांग करते हुए यह तर्क दिया कि वह एक साल की सजा के बचे हुए समय के लिए जेल नहीं जाना चाहते। सुशील अंसल को पांच महीने की सजा के बाद उनकी उम्र से जुड़ी परेशानी को देखते हुए मुक्त कर दिया गया था।

उपहार त्रासदी पीड़ितों के एसोसिएशन (एवीयूटी) की तरफ से वरिष्ठ वकील के.टी.एस. तुलसी ने गोपाल अंसल की याचिका का विरोध किया। वकील ने कहा कि सीबीआई व एसोसिएशन की समीक्षा याचिका पर पहले ही फैसला कर लिया गया था कि फैसले की समीक्षा नहीं की जा सकती।

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