
लखनऊ: ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले गैंग के 10 सॉल्वरों को एसटीएफ ने रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। यह लोग हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी पद के लिए हुई ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में असल अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने लखनऊ आए थे।
एसटीएफ ने इनके पास से 25 मोबाइल फोन, 10 सैन्डो बनियान (ट्रांसमिशन डिवाइस लगी हुई), 7 ईयर प्लग, 10 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र व मूल परिचय पत्र बरामद किए।
गिरफ्तार आरोपी हरियाणा में बैठे मास्टरमाइंड दीपक कुमार के लिए काम करते हैं।
दीपक प्रत्येक अभ्यार्थी से पेपर सॉल्व कराने के आठ से 12 लाख रुपये तक वसूलता था।
सीआरपीएफ में तैनात सिपाही गौरव सिंह यादव गैंग के लिए लखनऊ के अभ्यर्थियों से डील करता था। अधिकारियों का दावा है कि गैंग ने दर्जनों परीक्षाओं में सेंध लगाई है।
टीम उनसे पूछताछ कर रही है।
कानपुर रोड पर होटल पैराडाइज में ठहरे थे एएसपी डॉ. अर¨वद चतुर्वेदी ने बताया कि शनिवार को एसटीएफ को सूचना मिली की हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में कुछ लोग धांधली के फिराक में है।
मुखबिर से मिले मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया गया।
पड़ताल में सामने आया कि यह लोग कानपुर रोड स्थित होटल पैराडाइज में ठहरे हैं।
एसटीएफ ने रविवार सुबह आरोपियों को तब पकड़ा जब वह होटल से निकलकर अलग-अलग परीक्षा केन्द्रों के लिए निकल रहे थे।
ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में सेंध लगाते हुए पकड़े गए…
एसटीएफ ने हरियाणा निवासी जयदीप, सुनील, अमित जाट, नवदीप, संजय सिंह, रवि कुमार सिंह, अश्विनी पुनिया, सुनील जाट, बिजनौर निवासी अमित कुमार और आशियाना निवासी गौरव सिंह यादव को गिरफ्तार किया है।
गौरव वर्ष 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था।
वह लखनऊ में तैनात है।
पहले दोस्त फिर एजेंट
गिरफ्तार सिपाही गौरव यादव ने बताया कि वर्ष 2007 में वह दिल्ली में दीपक के साथ पढ़ता था।
2010 में सिपाही बनने के बाद भी वह दीपक के संपर्क में रहा।
दीपक ने उसे भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाकर लाखों रुपये कमाने की योजना बताई।
जिस पर वह उसकी गैंग का एजेंट बन गया।