चुनाव से बाहर होंगी 97 सहकारी समितियां

देहरादून। उत्तराखंड में 97 सहकारी सिमतियों  की सदस्यता को समाप्त करने का फैसला लिया गया है जिसका राज्य सहकारी संघ में होने वाले चुनाव पर भारी असर पड़ता दिखाई दे रहा है। सरकार के इस निर्णय से निदेशकों की सदस्यता भी छिन जाएगी। समितियों द्वारा चुने गए के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह को सहकारी संघ में लाया गया था। ऐसे में इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस की नजर टिकी हुई है।

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सहकारिता में पारदर्शिता के लिए ही सहकारी समितियों की जांच कराई गई। जिन समितियों का नियमानुसार संचालन का उल्लंघन हो रहा था, अब उनका भी खुलासा हुआ है। सरकार का लक्ष्य सक्रिय समितियों को ही आगे बढ़ाना है। जो भी समितियां चुनावी उद्देश्य से बनाई गई हैं उनकी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सहकारी संघ के चुनाव अगले साल हैं। जनवरी से पहले शुरुआती स्तर पर समितियों के चुनाव शुरू हो जाएंगे। ऐसे में 97 समितियों की सदस्यता समाप्त होने से सहकारी संघ के चुनाव पर बड़ा असर पड़ेगा। दून रवि बीएस नेगीउत्तराखंड में 97 सहकारी समितियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।

बता दें कि राज्य सहकारी संघ चुनाव से जुड़ी 150 समितियों में से 97 भंग होने के बाद भाजपा की राह आसान हो जाएगी। सहकारी संघ चुनाव में 150 सहकारी समितियां भाग लेती हैं।

इनसे चुनकर आने वाले डेलीगेट निदेशक पद के लिए वोट करते हैं। यही निदेशक बाद में राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष को चुनते हैं। ऐसे में यदि सरकार 97 समितियों की सदस्यता खत्म करती है तो ऐसे में भाजपा चुनाव में उतरने से पहले ही बढ़त बनाने में मजबूत हो जाएगी । इन 97 सहकारी समितियों को पहले ही नोटिस जारी कर आपत्तियां मांगी गई थीं। अब आपत्तियों का निस्तारण अंतिम दौर में है।

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