87 हजार पाकिस्तानियों और 23 लाख बांग्लादेशियों को वीज़ा देने में मोदी सरकार ने दिखाई दरियादिली !

नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले दो वर्षों मे पाकिस्तानियों को वीजा देने में दरियादिली दिखाई है. दो वर्षों के भीतर 87,669 पाकिस्तानियों को सरकार ने विभिन्न श्रेणियों का वीजा जारी किया.

वहीं रिकॉर्ड 23 लाख से ज्यादा बांग्लादेशियों को भी सरकार ने वीजा दिए. सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में 2016 और 2017 में पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों को मिले वीजा के आंकड़े को जारी किया.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में सरकार ने 52,525 पाकिस्तानियों को वीजा दिया, वहीं अगले साल संख्या जरूर घटी. फिर भी इस साल 35 हजार 144 पाकिस्तानियों को वीजा मिला.

माना जा रहा है कि उरी हमले के बाद से भारत ने वीजा देने में कम रुचि ली, जिसकी वजह से आंकड़े घटे. वहीं 2016 में जहां 9,33695 बांग्लादेशियों को वीजा मिला, जबकि 2017 में उनकी संख्या और बढ़ गई. इस वर्ष कुल 1370420 बांग्लादेशियों को वीजा मिला.

दरअसल, सांसद विष्णु दयाल राम ने गृह मंत्री से 2016 और 2017 की अवधि के दौरान पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को जारी वीजा की संख्या और अवधि समाप्त होने के बाद अपने देश वापस लौटने वाले नागरिकों की संख्या के आंकड़ों के बारे में पूछा था.

 

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सांसद ने यह भी पूछा था कि क्या पड़ोसी देशों से आने वाले विदेशी नागरिक वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से नहीं रह रहे हैं, इसका पता लगाने की कोई व्यवस्था है.

इस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि केंद्र सरकार आप्रवासन (Immigration), वीजा तथा विदेशी नागरिक पंजीकरण एवं ट्रैकिंग(आईवीएफआटी) के संबंध में मिशन मोड परियोजना चला रही है.

इस परियोजना के जरिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया, जांच चौकियों पर इमिग्रेशन प्रक्रिया, विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय, होटलों, शैक्षिक संस्थानों आदि में विदेशी नागरिकों के रहने के दौरान दी गई जानकारी साझा कर ऐसे नागरिकों की ट्रैकिंग करने की सुविधा है.

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि निर्धारित समय सीमा के बाद भी भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियां नजर रखती हैं.

निर्धारित समय सीमा के बाद गैर इरादतन या अज्ञानता के कारण रहने का मामला पाए जान पाए जाने पर शुल्क लेकर  वीजा की अवधि बढ़ा दी जाती है.

अगर जान-बूझकर रहने की बात पाई जाती है तो विदेशी नागरिकों को भारत छोड़ने का नोटिस दिया जाता है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि गुण-दोष के आधार पर विदेशी विषयक अधिनियिम, 1946 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.

 

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