जानिये भारत में कहाँ मिलेगा 40% सस्ता fuel

40 फीसदी सस्ता डीजलरायपुर| प्रदेश के लोगों को अब खाड़ी देशों से आने वाले डीजल की तुलना में 40 फीसदी सस्ता डीजल मिलेगा| ईंधन की बढती कीमत से राहत दिलाने के लिए सरकार ने बायोडीजल स्टेशन लगाने का फैसला किया है| इससे वाहनों को चलाने में कोई समस्या नहीं आएगी और प्रदूषण भी कम होगा।

40 फीसदी सस्ता डीजल

छत्तीसगढ़ का रायपुर देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां बायोडीजल स्टेशन लगाया जएगा। इस प्लांट को लगाने के लिए सीबीडीए (छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल डेवलपमेंट अथॉरिटी) के प्रस्ताव को शुरूआती मंजूरी मिल गयी है| इसका संचालन सीबीडीए करेगा जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा इसका सेटअप लगाया जाएगा|

हाल ही में राज्य सरकार ने मुंबई और चेन्नई की दो अलग-अलग कंपनियों के साथ एक एमओयू किया है, जिसके अंतर्गत वे प्रदेश में 95 करोड़ रुपए के बायोडीजल प्लांट लगाने के लिए निवेश करेंगे। इनमें से एक बड़ा प्लांट दुर्ग जिले में अहिवारा के पास बनेगा, जबकि दूसरा छोटा प्लांट कवर्धा-पेंड्रा के बीच राजा नवागांव के समीप बनेगा। यहां से उत्पादित बायोडीजल को राजधानी के स्टेशन में लाकर आम लोगों को बेचा जाएगा।

25 टन क्षमता की टंकी लगेगी

सीबीडीए के तकनीकी अधिकारी विशाल खरे ने बताया कि यहां से प्रतिदिन लगभग 1000 लीटर डीजल की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 25 टन क्षमता वाली टंकी को लगाया जायेगा| इतनी मात्रा में बायोडीजल की खपत के लिए सीबीडीए सिटी बसों, स्टेट गैरेज, स्कूल बसों और रेलवे से बातचीत कर रहा है।

सीबीडीए के प्रोजेक्ट आफिसर सुमित सरकार ने कहा कि खाड़ी के तेल पर निर्भरता घटाने के लिए केन्द्र सरकार ने जो नीति बने है जल्द ही उसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिलने लगेगा| हम छह माह के भीतर कार्य शुरू कर देंगे। उत्पादन शुरू होने के साथ ही डीजल स्टेशन से लोगों को डीजल मिलना शुरू हो जाएगा।

क्या कहा मुख्यमंत्री ने

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के रतनजोत की ज्योत को पूरे देश में प्रज्‍जवलित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक रूप से इसका उत्पादन सैकड़ों-हजारों वर्षो से हो रहा है। यह बायोफ्यूल के रूप में काफी उपयोगी और पर्यावरण हितैषी भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में दुनिया में उपलब्ध पेट्रोलियम के प्राकृतिक भंडार, कोयले के प्राकृतिक भंडार लम्बे समय तक नहीं रहने वाले हैं। तब हमें सौर ऊर्जा तथा बायोफ्यूल ऊर्जा की ओर जाना ही पड़ेगा। बायोफ्यूल परियोजना को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार से भी इसमें सकारात्मक सहयोग मिल रहा है।

रमन सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में वर्तमान में उपलब्ध रतनजोत के एक लाख 26 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र को और भी विस्तारित करने का है। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के समक्ष बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और दो निजी निवेशकों के बीच राज्य में बायो डीजल काम्पलेक्स विकसित करने के लिए दो अलग-अलग समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों एम.ओ.यू. चेन्नई की कम्पनी मेसर्स ग्रीन एनर्जी और गौहाटी (असम) की कम्पनी मेसर्स भूमा एनर्जी-आई.आई.टी. के बीच हुए हैं।

रमन सिंह ने कहा कि रतनजोत के बीजों से बनने वाला बायोडीजल वाहनों के इंधन के रूप में और अन्य कई प्रयोजनों के लिए वैकल्पिक ऊर्जा का अच्छा स्रोत साबित हो चुका है। राज्य में पड़त भूमि पर इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होनें कहा कि बायो डीजल के उत्पादन के साथ-साथ बाजार में उसे प्रतिस्पर्धा में भी खड़ा करना होगा। बायोडीजल के अच्छे स्रोत के रूप में रतन जोत, चरौटा, करंज आदि के बीजों की मांग लगातार बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तराखंड, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों में भी अच्छा काम हो रहा है।

LIVE TV