
सुरेंद्र ढाका
देहरादून। उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेल चुकी कांग्रेस अब 2019 के रण में मजबूती के साथ अकेले उतरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेसी नेताओं की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी और उत्तराखंड की पांचों सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
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2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिल्कुल सतह पर पहुंच गई है। कांग्रेस के दिग्गजों की मानें तो, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दोनों सीटों से चुनाव हार गए थे। जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने भी हरीश रावत को साइड लाइन कर ही दिया है। यही वजह है की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को हटाकर प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। प्रीतम सिंह पिछले कई महीने से अध्यक्ष की कुर्सी पर जमे हैं। लेकिन अभी तक संगठन के चुनाव पूरे नहीं करा पाएं हैं। सुस्त और हार से पस्त पड़ी कांग्रेस को उबारने की जिम्मेदारी भी प्रीतम सिंह के कंधों पर ही है। ऐसे में 2019 भी ज्यादा दूर नहीं है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी 2019 के लिए कमर कस ली है। जिसके बाद प्रीतम सिंह ने साफ कर दिया है कि वह संगठन के चुनाव बहुत जल्द पूरे करा लेंगे और संगठन को एक नई धार देंगे। जिसके बाद जल्द से जल्द 2019 के रण की तैयारी की जा सके।
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गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी क्योंकि जिस पीडीएफ से गठबंधन कर कांग्रेस ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह पीडीएफ भी अब अपना अस्तित्व खो चुका है। ऐसे में प्रीतम सिंह ने साफ कर दिया है। स्थिति कुछ भी हो लेकिन कांग्रेस उत्तराखंड की 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी भी और जीतेगी भी।