राष्ट्रपति ने लिया फैसला, ‘आप’ के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द
नई दिल्ली। संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिया है। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस द्वारा जून 2016 में की गई एक शिकायत पर राष्ट्रपति को पहले ही अपनी राय दे दी थी जिसके बाद राष्ट्रपति ने यह फैसला लिया है।
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य थे।
इन 20 विधायकों पर गिरी गाज
प्रवीण कुमार, आदर्श शास्त्री, शरद कुमार, मदन लाल, चरण गोयल, अलका लांबा, सरिता सिंह, नरेश यादव, जरनैल सिंह, राजेश गुप्ता, नितिन त्यागी, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, राजेश ऋषि, अनिल कुमार वाजपेयी, सोमदत्त, सुलबीर सिंह डाला, अवतार सिंह, मनोज कुमार।
सौरभ भारद्वाज का चुनाव आयोग पर हमला
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं है। हमारे विधायकों ने सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला और तनख्वाह का फायदा नहीं लिया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में हमारी बात नहीं सुनी है, किसी को भी विधायक को अपनी गवाही रखने का मौका नहीं दिया है।
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उन्होंने कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने गुजरात में पीएम मोदी के अंडर में काम किया है। अब वे पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं। 23 जनवरी को उनका जन्मदिन है और सोमवार को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए जाने से पहले सभी काम को निपटाना चाहते हैं।
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