1984 दंगा में दोषी की याचिका पर पुलिस से जवाब तलब

नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में एक दोषी की याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब दाखिल करने को कहा है। दोषी की इस याचिका में उसे दी गई फांसी की सजा को चुनौती दी गई है।
1984 दंगा
अदालत एक नवंबर, 1984 को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर इलाके में एक व्यक्ति की हत्या के लिए फांसी की सजा का सामना कर रहे यशपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को तय कर दी। पीठ ने यशपाल सिंह से अपनी प्रतिक्रिया पुलिस के संदर्भ में दाखिल करने को कहा है, जिसमें मौत की सजा की पुष्टि की मांग की गई है।

अदालत अगली सुनवाई की तिथि पर सिंह की जमानत याचिका पर भी सुनवाई करेगी।

अदालत ने सिंह व नरेश शेरावत को नवंबर में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती और जानबूझकर नुकसान पहुंचाने व खतरनाक हथियारों के लिए को दोषी करार दिया था। शेरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

इन दोनों ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों के दौरान महिपालपुर इलाके में हरदेव सिंह व अवतार सिंह की हत्या कर दी थी। इन दंगों में दिल्ली में सैकड़ों लोगों की जान चली गई।
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मृतक के भाई संतोख सिंह की शिकायत पर पुलिस ने एक मामला दर्ज किया। लेकिन 1994 में पुलिस ने साक्ष्यों की कमी का हवाला देते हुए मामले को बंद करना चाहा था। मामले को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फिर से खोला है।

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