अनोखा मंदिर, जहां पूरी होती है महिलाओं की वह मुराद जिसका पुरुष उठाते हैं रात में मजा

जापान। जापान का ब्रेस्‍ट टेम्‍पल, यहां महिलाएं बड़े स्तनों और गुलाबी निप्पल्स के लिए प्रार्थना करती हैं, सुरक्षित प्रसव व स्तन कैंसर से बचाव की दुआ होती है कुबूल। जापान एक ऐसी जगह है जहां आपको कई अनोखी चीजें मिल जाएंगी। चाहे वो अजीब मंदिर हों या फिर खान-पान, जापान में आपको ऐसी कई चीजें दिख जाएंगी। जापान में स्तन मंदिर (ब्रेस्ट टेम्पल) ख़ास कारणों से प्रसिद्ध है। आइए हम आपको बताते हैं इस प्रसिद्ध बूब्स टेम्पल के बारे में। जापान के ओकायामा के सोजा शहर में यह मंदिर स्थित है। यह अनोखा है क्यों कि इसका नाम जापान में मामा कन्नून या रयुओं जी के नाम पर रखा गया है।

यह मंदिर स्तनों की देवी चिचिगामिसामा को समर्पित है। यह अनोखा मंदिर 1678 में बना था, लेकिन ये स्थान यहाँ उगे डेड वीपिंग चेरी ट्री के यहां उगने के बाद से प्रसिद्ध हुआ है। मन्दिर की दीवारों पर असंख्य ईमा लटकी हैं, जिन्हें वायोलेट टेबलेट यानि मन्नत के तख़्त भी कहते हैं। ये ईमा महिलाओं के स्तनों की तरह की बनावट के हैं।

चारों और स्‍तन की बनावट के ईमा ही ईमा

ईमा स्तनों के जैसे दिखने वाले सजावटी इंटीरियर हैं। ये लकड़ी के छोटे तख़्त से बने हैं जहां मन्नत मांगने वाले देवी को अपनी ख्‍वाहिश इस पर लिखते हैं। लोगों की मान्यता है कि स्तन की देवी की पूजा करने से बच्चे का सुरक्षित जन्म होता है और स्तन में दूध भी सही बनता है। यह भी कहा जाता है कि स्तन देवी स्तन के कैंसर को भी ठीक कर देती हैं। महिलाओं के यहां पूजा करने के कई कारण भी हैं। महिलायें यहां ना केवल बच्चे के सुरक्षित जन्म, ज्यादा दूध और स्तन कैंसर से बचे रहने के लिए प्रार्थना करती हैं, बल्कि यहां महिलाएं बड़े स्तनों और गुलाबी निप्पल्स के भी प्रार्थना करती हैं। इस स्‍तन देवी के मंदिर में बड़ी संख्‍या गर्मवती महिलाएं सरक्षित प्रसव व अपने बच्‍चे को बेहतर ब्रेस्‍ट फीड कराने की मन्‍नत मांगने आती हैं। यहीं नहीं यहां बड़ी संख्‍या में विदेशों से आए सैलानी भी जुटते हैं।

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