सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान सरकार को नोटिस भेजा

12 महिलाओं की याचिकानई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने कोटा जिले के जनजातीय समुदाय की 12 महिलाओं की याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक नोटिस जारी किया। याचिका में महिलाओं ने खनन कंपनी के मालिक से अपने आशियाने को बचाने की गुहार लगाई है।

12 महिलाओं की याचिका

न्यायमूर्ति पी.सी.घोष तथा न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने नोटिस जारी करते हुए प्रशासन को जनजातीय समुदाय के गरीब लोगों के ‘हितों की सुरक्षा’ करने को कहा। प्रशासन को चार सप्ताह के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।

जब वरिष्ठ वकील लिली थॉमस तथा साजू जैकब ने न्यायालय से जनजातीय समुदाय के लोगों के आशियानों को गिराना बंद करने के निर्देश देने का अनुरोध किया, तो पीठ ने एक बार फिर ‘हितों की सुरक्षा’ शब्द पर जोर दिया।

जुल्मी गांव की 12 आदिवासी महिलाओं ने दो बीघा जमीन में स्थित अपने घरों को ढहाने से बचाने के लिए शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

खनन कंपनी के मालिक का दावा है कि उसके पास उन जमीनों पर खनन करने का अधिकार है, जिनपर आदिवासियों के मकान बने हैं। वह जमीन के एक अन्य टुकड़े पर बने 42 घरों को पहले ही तोड़ चुके हैं।

तीन आदिवासी महिलाएं-अनिता, रेखा तथा गुड्डी बाई-कोर्ट रूम में मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि खनन कंपनी के मालिक ने उनके पीपल के पेड़ और भगवान शिव के दो मंदिरों पर बुलडोजर चला दिया।

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