हिजबुल पोस्टर ब्वॉय की मौत पर घाटी में बवाल, गरमाई सियासत
श्रीनगर| जम्मू में सेना और स्थानीय पुलिस की संयुक्त करवाई में हिजबुल पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने पर सूबे का सियासी पारा गर्म हो गया है| अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी और एसएएस गिलानी ने इसके खिलाफ बंद का आह्वान किया है| वहीं राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने नया सियासी सवाल खड़ा करते हुए युवाओं के बंदूक थामने की समस्या का राजनीतिक हल निकालने की बात कही है|
उमर अब्दुल्ला ने बुरहान के एनकाउंटर को लेकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘बुरहान न तो पहला है और न आखिरी, युवाओं के बंदूक थामने की समस्या का राजनीतिक हल ढूंढना जरूरी है’|
Alas Burhan isn't the 1st to pick up the gun & won't be the last. @JKNC_ has always maintained that a political problem needs pol. solution
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 8, 2016
बुहरान के समर्थन में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं| इसके चलते जम्मू-श्रीनगर हाइवे को जाम कर दिया है और इंटरनेट सेवा को फिलहाल बंद कर दिया गया है| बुरहान के सिर पर 10 लाख का इनाम था|
अनंतनाग के कोकरनाग इलाके से जैसे ही बुरहान की मौत की खबर आई तुरंत ही पूरे श्रीनगर में पाकिस्तान समर्थक नारे गूंजने लगे| लोग सड़कों पर उतर आए और आगजनी की| जिसके बाद, शहर के प्रमुख इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया|
अनंतनाग और त्राल में स्थिति तनावपूर्ण है| जगह-जगह पुलिस तैनात है| अमरनाथ यात्रा को भी स्थिति सामान्य होने तक रोक दिया गया है|
बुरहान वानी कैसे बना आतंकी
बुरहान मुजफ्फर वानी पिछले दिनों अपने वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा में था। इस वीडियो में वह कश्मीर के नौजवानों को आतंकवादी बनने के लिये उकसाता हुआ नजर आ रहा था। इसके बाद से ही इस आतंकी की चर्चा पूरे देश में होने लगी।
बुरहान दक्षिणी कश्मीर में स्थित ट्राल के एक संभ्रांत परिवार से संबंध रखता था। बुरहान के पिता स्कूल के प्रिंसिपल हैं। वह आतंकवादी गुट में सिर्फ इसलिये शामिल हुआ था कि वह अधिक से अधिक कश्मीरी नौजवानों को इसके लिये प्रेरित कर सके। साल 2010 में सेना के एक ऑपरेशन में बुरहान के भाई की मौत हो गई। इसके बाद 15 साल की उम्र में उसने हथियार उठा लिए। बुरहान पर पुलिस ने 10 लाख का ईनाम भी रखा था।