हाईकोर्ट ने जीवित गंगा को दिया नोटिस, जवाब दाखिल करने का दिया आदेश

हाईकोर्टदेहरादून| हाईकोर्ट ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में ग्राम पंचायत की दस एकड़ भूमि ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए हस्तांतरित करने के मामले में अपनाया है। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य सरकार, पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही मां गंगा को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

ग्राम पंचायत खदरी खड़कमाफ के प्रधान स्वरुप सिंह पुंडीर ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि शासन द्वारा मई 2015 में बिना ग्राम पंचायत की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के पालिका को कूड़ा घर के लिए दस एकड़ भूमि हस्तांतरित कर दी। अनापत्ति लेना तो दूर ग्राम पंचायत से इस बारे में पूछा तक नही गया। अधिकारी भी मौका मुआयना करने नहीं गए।

ट्रेंचिंग ग्राउंड में ऋषिकेश व आसपास का कूड़ा रिसाइकिल (निस्तारित) होना है। याचिकाकर्ता के अनुसार जो जगह ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने के लिए चयनित की गई है, वह गंगा तट पर स्थित है। इसके दूसरी ओर पॉलीटेक्निक कॉलेज और सोंग नदी है। ट्रेंचिंग ग्राउंड बनने से गंगा नदी प्रदूषित होगी और कूड़े के ढेर से गांव को भी बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा।

पिछले दो साल से इसका लगातार विरोध किया जा रहा है, मगर इसके बाद भी सरकार और नगरपालिका चुप्पी साधे हैं। ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए पालिका द्वारा 45 करोड़ की डीपीआर तैयार की जा रही है।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद मां गंगा समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया। मामले में सुनवाई की अगली तिथि आठ मई नियत की गई है।

हाईकोर्ट ने हाल ही में गंगा व यमुना को जीवित मानव के बराबर अधिकार दे दिए थे। अब इस मामले में गंगा की ओर से निदेशक नमामि गंगे व महाधिवक्ता द्वारा जवाब दाखिल किया जाएगा।

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