हवालात में बंद बकाएदार की मौत के बाद आया ये नया मोड़, शुरू हुई सियासत

रिपोर्ट – अंशुल जय 

एक बकाएदार की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है साथ ही मामले में सियासत भी शुरू हो गयी है। तहसील स्टाफ ने जिस आरसी के आधार पर बृजपाल नाम के व्यक्ति को बिजली के बिल के बकाया के आरोप में हवालात में बंद किया था, वह आरसी मृतक की ना होकर किसी अन्य व्यक्ति की थी.

हवालात में बंद बकाएदार की मौत के बाद आया ये नया मोड़, शुरू हुई सियासत

उत्तर प्रदेश : बदायूँ में बीती 4 तारीख को तहसील के हवालात में बंद एक बकाएदार की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है साथ ही मामले में सियासत भी शुरू हो गयी है। तहसील स्टाफ ने जिस आरसी के आधार पर ब्रजपाल नाम के व्यक्ति को बिजली के बिल के बकाया के आरोप में हवालात में बंद किया था वह आरसी मृतक की ना होकर किसी अन्य व्यक्ति की थी, मिलते नाम के कारण ब्रजपाल को तहसील की हवालात में 11 दिन बन्द रखा गया तबियत बिगड़ने पर उसकी अस्पताल जाते वक्त मृत्यु हो गयी थी।

बदायूँ के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हज़ार रुपये से आर्थिक मदद भी की। परिवार की मांग है कि लापरवाह तहसील स्टाफ पर मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाय। मामला बदायूँ की सहसवान तहसील का है।

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सहसवान तहसील स्टाफ ने 82 हज़ार रुपये बिजली का बिल बकाया होने के कारण ज़रीफ़ नगर क्षेत्र निवासी ब्रजपाल की आरसी काट दी थी और 11 दिन पहले उसे तहसील की हवालात में बंद कर दिया था।बीते दिन उसकी हवालात में तबीयत बिगड़ी तो हवालात के ताले तोड़ कर ब्रजपाल को निकाला गया,इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।

उसकी मौत के बाद परिजनों का आरोप है कि तहसील स्टाफ ने ब्रजपाल पुत्र ओमकर के नाम से फ़र्ज़ी कृत्रिम गर्भाधान की दुकान में बिजली चोरी के 82 हज़ार आर्थिक दण्ड की आरसी काटी थी जबकि मृतक बृजपाल के पिता का नाम ओमपाल है और उसका इस मामले से कोई लेना देना नही था।मृतक ने खुद हवालात में बंद रहते हुए यह बयान भी दिया था

वहीं इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गयी है।बदायूँ के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी और पार्टी की तरफ से 50 हज़ार रुपये राशि भी दी।धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि   समाजवादी पार्टी ज़िला प्रशासन को चार दिन का टाइम दे रही है अगर आरोपी तहसील स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नही हुई तो इस मामले में जनपद भर  में आंदोलन किया जाएगा।

वहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत अच्छी नही है,पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है और मुख्यमंत्री विधानसभा में  कानून व्यवस्था की बड़ाई कर रहे हैं।

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हालांकि ज़िला प्रशासन ने मामले में लापरवाही के चलते तहसील के संग्रह अमीन सहित संग्रह अनुसेवक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को निलंबित कर दिया है।लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले पर बोलने को तैयार नही है।

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