सड़कों पर गायो की मौत का वीडियो वायरल, जानें पूरा मामला

रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी

बलिया – बलिया जनपद के रसड़ा नगरा मार्ग पर मरे हुए पशुओं का वीडियो वायरल हुआ है| जिनमे सड़क के किनारे पशुओं को तकरीबन सौ मीटर के फासले पर फेक दिया गया है| वही ग्रमीणों का कहना है कि ये सभी पशु रधुनाथ पुर के पशु आश्रय स्थल के है जहां चारा न मिलने हुई पशुओं की मौत हो गयी और उन्हें सड़क के किनारे फेक दिया गया| जबकि एसडीएम रसड़ा का कहना है कि ये पशु पशु आश्रय स्थल के नही है बल्कि किसी के निजी पशु है जो रोड एक्सीडेंट में मरे है|

जहां एक तरफ योगी राज में गायो की सुरक्षा और दसा सुधारने के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च किये जा रहे उसी योगी राज में गायो सहित निराश्रित पशुओंकी की क्या दुर्दशा है यह दिखा बलिया में हुए वायरल वीडियो में| बलिया जनपद के रसड़ा तहसील अंतर्गत रसड़ा नगरा मार्ग पर लगभग आधा दर्जन मरे हुए पशुओं का वीडियो वारयल हुआ है| वायरल वीडियो में साफ साफ दिखाई दे रहा है की वीडियो बनाने वाला मोटर साइकिल से सड़क किनारे मरे हुए पशुओं का वीडियो बनता जा रहा है| मरे हुए एक पशु से दुसरे पशु की दुरी लगभग 50 मीटर है|

सड़क के दोनों तरफ मरे हुए पशु दिखाई दे रहे है| दरअसल इसी सड़क के पास रघुनाथ पुर गाँव में पशु आश्रय स्थल भी बना है जहा निराश्रित पशुओं को रखा जाता है| ग्रामीनी का कहना है की आश्रय स्थल में पानी भर जाने के कारन और चारा न दिए जाने से पशुओं की मौत हो गयी और उन्हें सड़क किनारे फेक दिया गया|

वायरल वीडियो पशुओं के उस दुर्दशा को दिखा रहा है जिनमे गे से लकर बछड़े भी सामिल है और जिस गाय को लेकर संसद से लेकर सड़क तक चर्चा होती है उसी गाय के नाम पर मव्बिन्चिंग के जरिये इन्सान दुसरे इन्सान का खून बहा देता है| पर ये वीडियो प्रशासन की संवेदान्हीनाता की पराकाष्ठा को दिखता है| इस घटना के बाबत जब रसड़ा एसडी एम से पूछा गया तो एस डी एम साहब ने साफ तौर पर कह दिया की यह मरे हुए पशु आश्रय स्थल के नही है बल्कि किसी के निजी पशु है जो रोड एक्सीडेंट में मरे है|

पर एस डी एम साहब का झूठ तब पकड़ा गया जब एस डी एम साहब ने बताया की मरे हुए पशुओं की खुद जाँच की है जिनकी संख्या तिन है| जब की वायरल वीडियो में साफ साफ दिख रहा है की मरे हुए पशुओं की संख्या लगभग आधा दर्जन है|

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की पशुओं की सुरक्षा को लेकर आश्रय स्थल बनाने की योजना शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है| मूल भुत सुविधाओं और चारे के अभाव जैसी समस्याओं की वजह से पशुओं के मरने की खबरे आती रही है| इस मामले में भी चौकाने वाली बात ये है की सड़क किनारे मरे हुए पशुओं की अंतेष्टि करने के बजाय उन पशुओं को सड़क किनारे झाड़ियो में फेक दिया गया है|

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ऐसे में सवाल उठता है की जिस योगी सरकार ने आश्रय स्थलों के जरिये पशुओं की सेवा करने का संकल्प उठाया है क्या वही संकल्प अब अधिकारियो के लिया सिरदर्द बन गया है|

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