सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस की फर्जी खबरों का सैलाब, युवाओं पर दिखा सबसे ज्यादा असर

दीक्षा जयसवाल की रिपोर्ट देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है वहीं कोरोना वायरस के बारे में झूठी-अधूरी खबरों का सोशल मीडिया पर सिलसीला तेज होता जा रहा है। देशभर में लॉक़डाउन की वजह से लोग इंटरनेट पर ज्यादा एकटिव हो गए थे| ऐसे में कोरोना के कहर से डरे लोग बिना सोचो समझे कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें खूब शेयर की जा रही है| इनही फर्जी खबरों को चलते सोशल मीडिया पर देश भर में अफवाहों का बाजार लगातार चुनौती बन कर उभर रहा है।

लेकिन क्या आपको पता है कि इन अफवाहों पर सबसे ज्यादा भरोसा कौन करता है। आपको बता दे हावर्ड समेत अमेरिका की चार यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम उम्र के लोग सबसे ज्यादा भ्रम में जी रहे हैं। वे फर्जी अफवाहों को जल्दी सच मान लेते हैं और यहां तक कि उसे दूसरे लोगों तक फैला देते हैं।

हमें समझना होगा कि जब देश की एक बड़ी आबादी सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है कोई भी फेक न्यूज प्लांट करना कितना खतरनाक हो सकता है। ऐसा करते वक्त शायद ये भूल जाते हैं कि सोशल मीडिया की आजादी की आड़ में हम देश को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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