सेकेंड हैंड कार लेते समय अगर इन बातो का रखेंगे ध्यान, तो आप कर सकते हैं एक हेंडसम डील

आज के वक्त में गाड़ी हर किसी की जरुरत होती है, लेकिन सबका बजट नई गाड़ी के लिए अनुकूल नहीं होता। ऐसे में आप अपनी यह जरुरत एक सेंकड हैन्ड गाड़ी लेकर भी पूरा कर सकते है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि सेंकड हैन्ड गाड़ी खरीदना घाटे का सौदा होता है, पर ऐसा हमेशा नहीं होता है।सेकेंड हैंड कार

अगर आप सेंकड हैन्ड गाड़ी खरीदतें समय हमारी बताई गई कुछ बातो का ध्यान रखेंगे, तो आप एक अच्छी डील कर सकते है। आइए आपको बताते हैं कि किन-किन बातो का ध्यान रखना जरुरी होता है, जब आप एक सेंकड हैन्ड गाड़ी खरीद रहें हो।

जब भी आप कार खरीद रहें हो तो कोशिश करे कि कार को दिन की रोशनी में देखे। अगर आप गाड़ी को रात में लाइट की रोशनी में देखेगें तो आपको उसके कलर और उसमें लगें स्कैच नजर नहीं आएगें।

गाड़ी देखते समय उसके रिम, सीट, चारो दरवाजे और उसके सस्पेंशन की अच्छे से जांच कर लें यह देख लें कि अलग से वेल्डिंग तो नहीं की गई है।

गाड़ी की टेस्ट ड्राइव कोशिश करें की खराब रस्ते पर करे। टेस्ट ड्राइव करते समय गाड़ी के सीशे बंद कर ले ताकि गाड़ी के चलते समय आप इंजन की आवाज सुन सके, जिससे आपको पता चलेगा की इंजन कितना सही है।

2-3 किलोमीटर तक ड्राइव करने के बाद शीशो को बंद कर ले, ताकिं गाड़ी के ऐ.सी और गाड़ी का म्यूजिक सिस्टम सही से काम कर रहा है कि नहीं।

गाड़ी चलाते समय देख लें कि गाड़ी का गियर और कल्च सही से काम कर रहा है या नहीं। देंखे कि गाड़ी रिवर्स करने में दिक्कत तो नहीं आ रही है। ब्रेक लगाने मे ज्यादा ताकत तो नहीं लगानी पड़ रही। स्टेरिंयग में दिक्कत तो नहीं हो रही।

अगर आपको गाड़ीयो के बारे में ज्यादा जानकारी नही है, तो कोशिश करें की किसी ऐसे व्यक्ति को अपने साथ लें जाए जो गाड़ीयो के बारे में अच्छी जानकारी रखता हो।

जब कार को पूरा चेक कर लें और संतुष्ट हो जाए तो ही इसकी कीमत के बारे में बात करे। यदि इसकी कीमत सही लगे तो कार मालिक से इसकी छोटी बड़ी कमियों के बारे में बात करें। इसके बाद गाड़ी की सर्विस बुक और मेंटेनेंस की जानकारी लें।

इसके बाद गाड़ी के सारे असली कागजात मालिक से लेकें अच्छे से चेक कर ले। आरसी को पढ़ते समय गाड़ी का मॉडल, गाड़ी बनने का साल और रजिस्ट्रेसन का साल, मालिक का नाम और गाड़ी के नंबर का ध्यान रखें। चेसिस नंबर, इंजन नंबर और ओनर सीरियल नंबर का पेपर और गाड़ी पर पड़े नंबरो का मिलान कर लें।

गाड़ी के मालिक से गाड़ी के इंश्योरेंस और फाइनेंस की जानकारी ले लें। पता कर लें कि कही गाड़ी की कोई किस्त तो बाकी नहीं है।

जब आप इन सब बातो से संतुष्ट हो जाए तो कार को खरीद ले और खरीदने के बाद गाड़ी अपने नाम ट्रासफर जरुर करवा लें।

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