सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के नापाक मंसूबों पर फेरा पानी, 26 जनवरी पर थी देश को दहलाने की योजना, आतंकी गिरफ्तार

नई दिल्ली। कल यानी 26 जनवरी के खास मौके पर आतंकियों द्वारा देश को दहलाने की योजना को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नाकाम कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

आतंकी

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बीते गुरुवार आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का कथित सदस्य अब्दुल लतीफ गनी उर्फ उमैर उर्फ दिलावर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। गनी पर आरोप है कि वह गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने वाला था। ऐसे में जैश से जुड़े इस कथित आतंकी की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी कामयाबी के रुप में देखा जा रहा है। खबरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा गनी की गिरफ्तारी की पुष्टि की गई।

टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मूलरूप से घाटी के रहने वाला गनी हो सकता है कि भारतीय सेना का हिस्सा बन जाता, लेकिन उसने सोपोर के जामिया अरबिया दारुल उलूम मदरसे में मुफ्ती बनने की ट्रेनिंग के दौरान अपना ट्रैक बदल लिया। वह वहां लगभग चार साल रहा था।

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने अंग्रेजी अखबार से कहा कि मदरसे में ही गनी की मुलाकात कट्टरपंथी तत्वों से हुई थी, जिन्होंने उसे जिहाद के नाम पर आतंक के रास्ते पर जाने के लिए उकसाया। डीसीपी ने कहा कि गनी सोशल मीडिया पर उन तत्वों से संपर्क में रहता था। उनके पोस्ट्स से प्रेरित भी होता। जैश का हैंडलर अबू मौज उसे जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के विभिन्न ऑडियो और वीडियो क्लिप भेजकर उसे बरगलाता था।

जासूसों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि गनी दिल्ली और कश्मीर में कई जगहों पर छिप-छिप कर रहा था। पहले वह उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद इलाके (2018) में रहा। बाद में पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर पहुंचा, पर वहां उसके ठिकाने का भंडाफोड़ हो गया।

वहीं कश्मीर में डीसीपी कुशवाहा, एसीपी अत्तर सिंह और इंस्पेक्टर शिवकुमार की संयुक्त पुलिस टीम ने 72 घंटों तक छापेमारी कीं, जिसके बाद दो ठिकानों को चिह्नित किया गया। कई मौकों पर घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन के दौरान टीम पर स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी भी कर दी थी।

गनी की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बेहद सर्तकता बरतने पर ही संभव हो सकी। सुरक्षा एजेंसियों के हाथ आतंकियों का एक गुप्त मैसेज लगने के बाद एजेंसियां सक्रिय हो गईं।

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इस मैसेज में आतंकियों की तरफ से कहा गया था कि कुछ बड़ा होना चाहिए, हिंदुस्तान को रोना चाहिए। यह मैसेज मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया और 26 जनवरी के मौके पर आतंकियों द्वारा प्लान किए जा रहे नापाक मंसूबों को फेल कर दिया।

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