सुप्रीम कोर्ट INS विराट को तोड़ने पर लगाई रोक,जाने क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना से रिटायर्ड INS विराट को तोड़े जाने पर रोक लगा दी है । एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज आईएनएस विराट सेवा से 2007 मे रिटायर कर दिया गया था। जिसे बाद मे एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर बतौर संग्रहालय मे संरक्षित करने की मांग की थी । आईएनएस विराट को भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था। उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा था।

INS विराट को भारत ने 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी से खरीदा था। ब्रिटिश रॉयल नेवी मे विराट की पहचान ‘एचएमएस हर्मेस’ से थी। ब्रिटेश नौसेना में 25 साल गुजार चुका था INS. और भारत मे करीब 15 साल तक विराट ने अकेले भारत के दोनों समुद्री तट पूर्व और पश्चिम तट के साथ-साथ अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक अकेले ही दुश्मनों की नापाक हरकतों पर ही नजर रखी।

करीब 24 हजार टन वजनी विराट की लंबाई करीब 740 फीट और चौड़ाई करीब 160 फीट थी. उस पर डेढ़ हजार (1500) नौसैनिक तैनात होते थे. विराट पर एक समय में तीन महीने का राशन रखा रहता है, क्योंकि विराट एक बार समंदर में निकलता था तो 90 दिन तक बंदरगाह में वापस नहीं लौटता था. उसपर तैनात सी-हैरियर लड़ाकू विमान और सीकिंग हेलीकॉप्टर विराट की ताकत को कई गुना बढ़ा देते थे।



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