सीमा पर तनाव के बीच हिंद महासागर में चीन की हरकतें रोकने में भारतीय नौसेना ने निभाई अहम भूमिका

भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला ने बुधवार को भारत-चीन विवाद के बीच नौसेना की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच जब सीमा विवाद चरम पर था, तब हिंद महासागर में चीनी नौसेना की ओर से की जाने वाली हरकतों को रोकने में भारतीय नौसेना ने अहम योगदान दिया।

वाइस एडमिरल ने कोच्चि में एक प्रेसवार्ता में कहा कि भारतीय नौसेना ने उस समय हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की पीएलए नौसेना की किसी भी हरकत का निवारण सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि उनके पास साफ संदेश पहुंचा होगा कि न तो जमीन पर और न ही समुद्र में हमसे उलझने की कोशिश न करें।’

इस सवाल पर कि क्षेत्र में मित्र पड़ोसियों और अन्य नौसेनाओं की मौजूदगी को लेकर भारत चौकन्ना है और सहयोग कर रहा है, चावला ने कहा, ‘इसका उत्तर बहुत आसान है। हम बहुत मजबूत हैं। मुझे नहीं लगता हि कोई भी समुद्र में भारत के खिलाफ कोई हरकत करेगा। हम अपनी क्षमताओं में और इजाफा कर रहे हैं।’

वाइस एडमिरल ने कहा कि स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर अगले साल के अंत तक या 2022 की शुरुआत तक कमीशन हो जाएगा। यह कैरियर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बन रहा है और निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत तक यह हर हालत में कमीशन हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर के समुद्री ट्रायल अगले साल के पहले छह महीनों में करने की योजना है। वहीं, एयरक्राफ्ट पर उन्नत फ्लाइट ऑपरेशन का ट्रायल अंतिम छह महीनों में होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत का अच्छा उदाहरण है, जिसमें 75 फीसदी सामग्री और उपकरण स्वदेशी हैं।

बता दें कि इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट के बेसिन ट्रायल सोमवार को सफलतापूर्वक पूरे किए गए थे। इसे बनाने का काम फरवरी 2009 में शुरू हुआ था। 262 मीटर लंबे इस कैरियर में 26 लड़ाकू जेट और 10 हेलिकॉप्टर रखे जा सकते हैं। साल 2022-23 तक इस एयरक्राफ्ट कैरियर के पूरी तरह से ऑपरेशनल होने की उम्मीद है।

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