ऐसा क्या कर गए मिशेल जो फंस गए सीबीआई के शिकंजे में…

नई दिल्ली| अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिए की भूमिका में 3,600 करोड़ रुपये की मांग करने वाले ब्रिटिश कारोबारी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स का मंगलवार की रात भारत में प्रत्यर्पण होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे बुधवार को कुछ घंटे पूछताछ की।

सीबीआई आगे और गहन पूछताछ कर सकती है क्योंकि अदालत ने मिशेल को पांच दिन के सीबीआई हिरासत में भेजा है।
सीबीआई के शिकंजे में
मामले की जांच से जुड़े सीबीआई अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “जेम्स को मंगलवार की रात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से यहां लाए जाने पर उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई।”

अधिकारी ने बताया कि दुबई से प्रत्यर्पण के बाद देर रात एजेंसी के मुख्यालय लाए गए मिशेल ने ‘थकान’ की शिकायत की।

मिशेल को बुधवार को यहां एक अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें पांच दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। यूएई की एक अपीलीय अदालत द्वारा 19 नवंबर को निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखने पर उनको भारत लाया गया। निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि जेम्स को प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

पूछताछ के दौरान मिशेल के सहयोग नहीं करने और आक्रामक व्यवहार करने से संबंधित रिपोर्ट के बारे में जब अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मिशेल के आक्रामक बर्ताव करने या सहयोग नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि उनसे मंगलवार की रात और बुधवार की दोपहर कोई गहन पूछताछ नहीं की गई है।”

उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ बातचीत की।” अधिकारी ने बताया कि वह जो कुछ भी बताएंगे उसका विश्लेषण पांच दिन की हिरासत अवधि के दौरान किया जाएगा।

अधिकारी ने दावा किया कि एजेंसी के पास मिशेल के खिलाफ पर्याप्त सबूत है और उनका सामना मामले में अन्य आरोपियों से भी करवाया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में 370 लाख यूरो (करीब 300 करोड़ रुपये) की रकम दुबई स्थित दो बैंकों में ट्रांसफर किया गया था। अधिकारी ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि यहां से कहां और किसके पास यह रकम गई।”

मिशेल बुधवार को सुबह सात बजे जगे और उन्होंने नाश्ते में फल लिया, जबकि दोहपर के भोजन में उनको भारतीय व्यंजन दिया गया और उन्होंने बगैर किसी शिकायत के उसे स्वीकार किया।

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े इस मामले में तीन आरोपी हैं जिनमें से एक मिशेल हैं। मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है।

ईडी ने जनवरी में यूएई के अधिकारियों से जेम्स के प्रत्यर्पण की मांग की थी। ईडी और सीबीआई दोनों ने भारत की अदालतों में रिश्वत के मामले में आरोप पत्र दाखिल किए थे, जहां से आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए।

सीबीआई की मांग पर पिछले साल इंटरपोल ने मिशेल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। मामले में शामिल दो अन्य इटली के कार्लो गेरोसा और गीडो हश्के के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए।

भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड को हेलीकॉप्टर का ठेका दिलाने के लिए 235 करोड़ रुपये लिए थे। वह अक्सर भारत का दौरा करते थे। उन्होंने 1997 से लेकर 2013 तक 300 बार भारत के दौरे किए।

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में घोटाले में संलिप्त चार भारतीयों के रूप में भारत के पूर्व वायुसेना प्रमुख एस. पी. त्यागी और उनके भतीजे संजीव त्यागी उर्फ जूली, वायु सेना के तत्कालीन उप प्रमुख जे. एस. गुजराल और अधिवक्ता गौतम खेतान के नाम दर्ज किए हैं।

आरोपपत्र में खेतान को सौदे का आइडिया देनेवाले के रूप में बताया गया है।

आरोपपत्र में शामिल अन्य लोगों में इटली के पूर्व रक्षा प्रमुख गियूसेपी ओरसी, विमानन कंपनी फिनमेकेनिका और ब्रूनो स्पाग्नोलिनी, अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ हश्के और गेरोसा के नाम शामिल हैं।

भारत ने एक जनवरी 2014 में अगस्ता वेस्टलैंड की सहायक कंपनी फिनमेकानिका से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को आपूर्ति करने का सौदा रद्द कर दिया था। यह सौदा कथित तौर पर संविदा की शर्तो को तोड़ने और 423 करोड़ रुपये का रिश्वत देने के आरोपों के उजागर होने पर रद्द किया गया।

सीबीआई ने 12 मार्च 2013 को मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी का आरोप है कि त्यागी और अन्य आरोपियों ने अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलवाने में उससे रिश्वत ली थी।

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