‘सीबीआई के दुरुपयोग’ पर बिहार विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, धरने पर बैठीं राबड़ी देवी

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी। हंगामे के बीच चली 11 मिनट की कार्यवाही में औद्योगिक विवाद (बिहार संशोधन) विधेयक 2018 पारित कर दिया गया। विधान परिषद में भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। इसकी वजह से पांच सदस्यों को निलंबित कर दिया गया, जिसके विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कई सदस्य धरने पर बैठ गए।

राबड़ी देवी

विधानसभा की कार्यवाही के पूर्वान्ह 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी सदस्य केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दुरुपयोग कर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को फंसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कई बार विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर बैठने और प्रश्नकाल के बाद इस मामले को उठाने का अनुरोध किया लेकिन जब सदस्य नहीं मानें तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपरान्ह दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भोजनावकाश के बाद कार्यवाही जब फिर शुरू से हुई तो विपक्षी सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। पक्ष-विपक्ष की ओर से जमकर आरोप-प्रत्यारोप होता रहा।

हंगामे के बीच अध्यक्ष की अनुमति से श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने औद्योगिक विवाद (बिहार संशोधन) विधेयक 2018 विधेयक पेश किया। सदस्यों का संशोधन प्रस्ताव न ही पेश हुआ और न ही उस पर चर्चा हुई। विधेयक के मूल प्रस्तावों को ध्वनि मत से पारित करने के साथ ही कार्यवाही गुरुवार को पूर्वान्ह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस विधायक रामदेव राय ने कहा कि सीबीआई ‘सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडिया’ हो गई है। लोकतंत्र षडयंत्र में बदल गया है। विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया जा रहा है।

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरोप लगाते हुए कहा, “सीबीआई में खींचतान के बाद एक उच्च स्तरीय अधिकारी द्वारा शपथ पत्र देकर कहा गया है कि सीबीआई अधिकारी अस्थाना, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएमओ की मिलीभगत से लालू प्रसाद यादव को फंसाया गया है। उप मुख्यमंत्री ने इस आरोप का आज तक खंडन नहीं किया।”

उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष भाजपा के धुर-विरोधी हैं, इस कारण उनकी गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि राजद ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है।

विधान परिषद में भी राजद सदस्यों के शोर-शराबे के कारण कामकाज नहीं हो सका। परिषद के सभापति हारून रशीद ने राजद के पांच सदस्यों को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया और कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी निलंबन हटाने की मांग को लेकर परिषद की पोर्टिको में धरने पर बैठ गईं। इसके बाद उनका साथ देने उनके बेटे और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई अन्य सदस्य वहां पहुंच गए।

राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे पूरे परिवार को फंसाया गया है, लेकिन हमलोग डरने वाले नहीं हैं। हमलोग लड़ाई लड़ते रहेंगे।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संजय सरावगी ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को न्यायालय ने सजा सुनाई है। विपक्ष एक परिवार के कारण सदन का समय बर्बाद कर रहा है।

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राज्य के संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार हर मामले को लेकर बहस को तैयार है। किसी के कहने से सदन की कार्यवाही नहीं चलती बल्कि नियमों से चलती है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा जनता के हित में कार्य करने की है।

पांच दिनों तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी हंगामे के बीच मात्र 40 मिनट का कार्य हो सका था।

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