सीतापुर में युवती को छेड़खानी का विरोध करना पड़ा भारी, दबंगों ने की जिंदा जलाने की कोशिश

REPORT-समी अहमद/सीतापुर

सूबे  की योगी सरकार के द्वारा महिलाओं को लेकर भले ही तमाम कानून बनाए गए हो लेकिन उन कानूनों का पालन होता नजर नहीं आ रहा है। जिसका उदाहरण यूपी के सीतापुर में देखने को मिला जहां एक किशोरी को छेड़छाड़ का विरोध करने पर जिंदा जला दिया गया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। किशोरी को घायल अवस्था में ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया। परिवार वालों का आरोप है कि शिकायत के बाद अगर पुलिस गांव के दबंग युवक पर कार्रवाई कर देती तो शायद आज उसकी बेटी की यह हालत ना होती।

युवती को जिंदा जलाया

शहर कोतवाली इलाके के हाजीपुर गांव का रहने वाला युवक गोलू विगत कई दिनों से गांव की ही एक किशोरी के साथ छेड़खानी करता चला रहा था इसे लेकर किशोरी के परिवार वालों ने कई बार आपत्ति की। वही किशोरी ने भी उसके द्वारा की जाने वाली छेड़खानी का विरोध किया लेकिन गोलू लगातार किशोरी के साथ छेड़खानी करता चला रहा था और साथ ही उस पर शादी का दबाव भी बना रहा था।

जिसका विरोध लगातार किशोरी और उसके परिवार वाले करते आ रहे थे। बताते हैं कि जब देर रात किशोरी अपने घर पर लेटी हुई थी तभी गोलू उसके घर पहुंच गया और छेड़खानी करने लगा किशोरी के विरोध करने पर गोलू ने घर में रखा केरोसिन डालकर आग लगा दी और मौके से भाग निकला।

किशोरी की चीख-पुकार सुनकर घरवालों सहित आसपास के लोग एकत्र हो गए और आनन-फानन में आग पर काबू पाया।गंभीर हालत में किशोरी को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर देख ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। किशोरी का आरोप है की गोलू उस पर शादी का लगातार दबाव बना रहा था शादी ना करने पर उस उसे तथा उसके मां बाप की हत्या कर देने की धमकी दे रहा था।

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पीड़िता की मां का आरोप है कि जब उसकी पुत्री शौच के लिए गई थी तभी गांव के गोलू ने उसका हाथ पकड़ कर जोर जबस्ती करने लगा था। शोर सुनकर वह मौके पर पहुंच गई थी जिस पर गोलू अंजाम भुगतने की धमकी देकर भाग गया था। मामले को लेकर कोतवाली में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था जिस पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

इसी बीच गोलू ने देर रात उसकी पुत्री पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। मां का आरोप है कि अगर उसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी होती तो आज उसकी बेटी की यह हालत ना होती। मां का यह भी आरोप है कि घटना के बाद उसके द्वारा 100 नंबर पर टेलीफोन किया गया जिस पर पुलिस ने घायल पुत्री को अस्पताल में भर्ती कराने का सुझाव दिया।

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