सीएम के बाद मध्य प्रदेश सरकार के सामने आई नई चुनौती

भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रशासनिक बदलाव की तैयारी तेज हो गई है। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और प्रमुख सचिवों में जहां बदलाव होना है, वहीं मुख्य सचिव की तलाश की कवायद चल पड़ी है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को सेवानिवृत्ति के बाद सेवावृद्धि (एक्सटेंशन) मिली है। सरकार के पास सिंह के दो विकल्प हैं- अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. आर. मोहंती और प्रभांशु कमल।

सूत्रों के अनुसार, मोहंती की पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से करीबी है। सिंह इन दिनों सरकार की प्रशासनिक जमावट में लगे हुए हैं। मोहंती पर एक आर्थिक अनियमितता में शामिल होने का आरोप लग चुका है, यह बात अलग है कि मोहंती को आरोप से मुक्ति मिल चुकी है। मोहंती 1985 बैच के आईएएस हैं।

दूसरे दावेदार प्रभांशु कमल है। कमल 1985 बैच के आईएएस है। कमल की पहचान नवाचार करने वाले अफसरों में रही है। दिग्विजय सिंह के काल में ग्वालियर में उनके द्वारा प्रशासनिक कसावट के लिए अस्तित्व में लाई गई शून्य की अवधारणा काफी सुर्खियों में रही।

मोहंती और कमल उन अफसरों में रहे हैं, जिन्हें भाजपा के शासनकाल में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ा। अब मुख्य सचिव की दौड़ में दोनों ही अफसर हैं। कमलनाथ के लिए इन अफसरों में से दो को चुनना आसान नहीं है।

कमलनाथ का यह कदम खोल देगा शिवराज सरकार की पोल

वहीं संभागायुक्त के साथ कई जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों में बदलाव की कवायद चल रही है। चुनाव के दौरान कई जिलों के कांग्रेस नेताओं ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए थे। संभावना जताई जा रही है कि एक दर्जन से ज्यादा जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को शुरुआत में बदला जाएगा। इसी तरह प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों में भी बदलाव संभव है।

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