जिनके पालनहार खुद सीएम योगी, उन्ही के राज में अपनों के साथ हुआ ऐसा बर्ताव!

सीएम आदित्यनाथगाजियाबाद। सीएम आदित्यनाथ के यूपी में सीएम की कुर्सी पर विराजित होने की खुशी में हिंदू युवा वाहनी के कार्यकर्ताओं ने ‘विजय यात्रा’ निकाली। इस मामले में 24 मार्च को युवा वाहिनी पर निषेधाज्ञा के आदेशों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया। बता दें इस मामले में सब-इंस्पेक्टर इमाम जैदी ने संगठन के जिला अध्यक्ष समेत 100 से ज्यादा सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि प्रतिबंध लगा होने के बाद भी संगठन के कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला था।

सीएम आदित्यनाथ की जीत पर विजय यात्रा

ख़बरों के मुताबिक़ हिंदू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष जितेंद्र त्यागी ने एक निजी कहा कि योगी आदित्य नाथ के सीएम पद संभालने के बाद हमने विजय यात्रा की तैयारी की थी।

उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से कहा गया कि हमें इजाजत नहीं मिल सकती। हमने इस बारे में जानकारी दी थी। यहां तक की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने हमसे संपर्क भी किया था।

उन्होंने आगे कहा कि हम यही एफआईआर अगर पिछली सरकार में लिखी गई होती तो हम इसका जवाब देते लेकिन अब योगी आदित्य नाथ सीएम है और अगर हम कुछ करते हैं तो उन पर उंगली उठेगी। इसलिए हम इस मामले में कुछ नहीं करेंगे।

पुलिस ने जुलूस निकालने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। फिलहाल किसी भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। बता दें कि 11 मार्च को आए चुनाव नतीजों के बाद 19 मार्च को योगी आदित्य नाथ ने सीएम पद की शपथ ली थी। आदित्य नाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा 44 मंत्रियों ने पद और गोपनियता की शपथ ली थी।

हिंदू युवा वाहिनी का गठन योगी आदित्यनाथ ने 2002 के अप्रैल में रामनवमी के दिन किया था। योगी आदित्यनाथ ने इसका गठन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत किया था।

गठन के वक्त योगी ने इसे एक विशुद्ध रूप से सांस्कृतिक संगठन बताया था जिसका मकसद हिंदूविरोधी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकना बताया गया।

उस समय इस संगठन का काम था, गांवों और शहरों में जाकर कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों को रोकना।

इसके अलावा संगठन का काम गौ-हत्या, धर्मांतरण आदि के खिलाफ अभियान चलाना है। योगी आदित्य नाथ हिंदू युवा वाहिनी के मुख्य संरक्षक है।

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