सिपाही भर्ती परीक्षा आज एसटीएफ से पकड़े तीन सॉल्वर

आगरा में एसटीएफ ने नकल कराने वाले गैंग के तीन सदस्यों को पकड़ा है। इनके तार मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से जुड़े हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि व्यापम घोटाले के जेल से बाहर चल रहे कई और अभ्यर्थी पकड़े जा सकते हैं।

सिपाही भर्ती
पकड़े गए आरोपियों में शिव कुमार, भुवनेश और सत्यम शामिल हैं। इनसे पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं। पता चला है कि यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह व्यापम घोटाले के आरोपी भी परीक्षा देने के लिए पहुंचे।

सत्यम इनमें शामिल है। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली जा रही है। सत्यम कटियार कानपुर देहात के डेरापुर के अमोली कुर्मियान का रहने वाला है। इस गिरोह का सरगना शिव कुमार है। यह मथुरा का रहने वाला है।

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मध्य प्रदेश में दर्ज है केस
सत्यम खिलाफ मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के थाना रांझी में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज है। वो इसमें फरार चल रहा था। उसने बताया है कि मध्य प्रदेश के चर्चित घोटाले व्यापम में भी उसने एक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दी। इसके बाद उसने इसी को धंधा बना लिया था।

सत्य यूपी, हरियाणा में सक्रिय उन गिरोह से जुड़ गया जो परीक्षा में पैसा लेकर अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लोगों (सॉल्वर) को भेजते हैं। उसने अभी तक अपने उन साथियों के नाम नहीं बताए हैं जो व्यापम में शामिल रहे।

इसके बाद उसी की तरह दूसरों की जगह परीक्षा देने का पैसा ले रहे हैं। एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है। उम्मीद है कि उसके और साथियों के नाम उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से निकल जाएंगे।
शिव कुमार है सरगना
इस गिरोह का सरगना शिव कुमार है। वो मथुरा के गोवर्धन के बछगांव का रहने वाला है। दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर से सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहा है। वहीं पर उसने नकल कराने वाला गिरोह तैयार कर लिया।

इसमें उन युवकों को शामिल किया जो उसी की तरह सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इन्हें रेलवे, पुलिस की भर्ती परीक्षा में दूसरे अभ्यर्थियों की जगह भेजने लगा। इसके बदले प्रति अभ्यर्थी आठ लाख रुपये तक ले रहा था।

उसने कई अभ्यर्थियों से पैसे लिए। दो अभ्यर्थियों के फर्जी प्रवेश पत्र भी मिले हैं। वह खुद भी एक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने की तैयारी में था। इससे पहले ही एसटीएफ ने उसे और उसके गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ लिया।

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रिश्तेदार की जगह भी लाया था फर्जी अभ्यर्थी
शिव कुमार के साथ पकड़ा गया भुवनेश मथुरा के राया के सोनई गांव का है। वो भी दिल्ली के मुखर्जी नगर में उसी कोचिंग सेंटर से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है जिससे शिव कुमार कर रहा है। दोनों में दोस्ती हो गई। पुलिस ने बताया कि भुवनेश को शिव कुमार अपने एक रिश्तेदार की जगह परीक्षा दिलाने के लिए लाया था।

फर्जी दस्तावेज से लेते हैं परीक्षा केंद्र में प्रवेश

एसटीएफ ने गिरोह से हुई पूछताछ के हवाले से बताया कि ये लोग अभ्यर्थी से उसका एडमिट कार्ड और पहचान पत्र लेते हैं। उनके हूबहू फर्जी कार्ड तैयार करते हैं। इनके पास से 42,000 कैश के साथ दो आधार कार्ड, तीन वोटर कार्ड, तीन पेन कार्ड, एक डीएल और फर्जी एडमिट कार्ड मिले हैं।

परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी की जगह फर्जी अभ्यर्थी भेजा जाता है। एडमिट कार्ड फर्जी बना दिया जाता है। इस पर नाम और पता अभ्यर्थी का रहता है। फोटो फर्जी अभ्यर्थी यानी मुन्नाभाई का। इसी तरह उसके पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर कार्ड, डीएल, पेन कार्ड जो भी) का भी फर्जी कार्ड बना लिया जाता है।

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