सिद्धू बोले- भाजपा के वादे बांस की तरह – बहुत लंबा लेकिन अंदर से खोखला

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों में कोई भी अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया और प्रधानमंत्री ‘‘अपने झूठ के भंवर में ही डूब जाएंगे।’’

कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विवरण साझा किए ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों का सच आपके सामने रख रहा हूं। प्रधानमंत्री अपने झूठ के भंवर में डूब जाएंगे। इसकी गारंटी है। ’’

सिद्धू ने कहा, ‘‘सारा काम अधूरा है लेकिन झूठ पूरा हो चुका है। उनके वादे बांस की तरह हैं – बहुत लंबा लेकिन अंदर से खोखला।’’

सबसे पहले वर्ष 2015 में ‘‘20,000 करोड़’’ की नमामि गंगे परियोजना शुरू की गयी। जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया था कि गंगा सफाई का 80 प्रतिशत काम 2019 तक पूरा हो जाएगा।

सिद्धू ने दावा किया, ‘‘योजना के लिए निर्धारित 20,000 करोड़ रूपये में केवल 6000 करोड़ रूपये ही खर्च हुए । केवल 10 प्रतिशत सीवेज संयंत्र बनाए गए। बनारस में गंगा सबसे अस्वच्छ है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक साल में एक बार होनी थी। प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं और गंगा बेसिन वाले पांच राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं। पिछले पांच साल में परिषद की एक भी बैठक नहीं हुई।’’

पंजाब के मंत्री ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित डिजिटल इंडिया स्कीम के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल इंडिया के जरिए फरवरी 2019 तक 2.5 लाख गांवों को जोड़ने का इरादा था। महज 1.1 लाख गांवों में ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाए गए । दो प्रतिशत गांवों में भी इंटरनेट काम नहीं करता है।’’

सिद्धू के मुताबिक, ‘कौशल भारत’ कार्यक्रम के तहत मोदी सरकार ने 40 करोड़ लोगों के कौशल बढ़ाने का वादा किया था । केवल 41 लाख लोग प्रशिक्षित किए गए। कुल 41 लाख में केवल छह लाख लोगों को प्लेसमेंट मिले।

सिद्धू ने 2015 में शुरू नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) कार्यक्रम की प्रगति पर भी चर्चा की ।

पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने कहा, ‘‘अमृत योजना के तहत 500 शहरों में सीवेज सुविधा और पानी कनेक्शन मुहैया कराए जाने थे। यह परियोजना केवल तीन प्रतिशत आगे बढ़ी। आप सोच सकते हैं। भाजपा शासित असम और बिहार में एक भी परियोजना पूरी नहीं हुई।’’

मुद्रा योजना के बारे में सिद्धू ने कहा कि इसके तहत औसतन 46000 रूपये के कर्ज स्वीकृत किए गए। उन्होंने पूछा, ‘‘जिस व्यक्ति की वार्षिक आय 1.1 लाख रूपये हो उन्हें आप 46,000 देकर कारोबार शुरू करने को कह रहे हैं। मजाक चल रहा है क्या ?’’

उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत पांच लाख रूपये के केवल एक प्रतिशत कर्ज ही दिए गए ।

सांसद आदर्श ग्राम योजना के बारे में सिद्धू ने कहा, ‘‘फेज तीन में 786 सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा) के 78 प्रतिशत ने किसी भी गांव को गोद नहीं लिया। …46 प्रतिशत केंद्रीय मंत्री कोई गांव चिन्हित नहीं कर पाए। योजना का कोई बजटीय आवंटन नहीं हुआ ।’’

सिद्ध ने बनारस में प्रधानमंत्री द्वारा गोद दिए गए दो गांवों-जयापुर और नागेपुर का भी जिक्र किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘स्वच्छ भारत अभियान के तहत इन दोनों गांवों में 400 शौचालय बनाए गए। अस्सी प्रतिशत शौचालयों में गोबर-उपले और जलावन रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवायीं । इसमें मोटर या बैटरी नहीं हैं।’’

सिद्धू ने आरोप लगाया कि ‘बेटी पढाओ बेटी बचाओ’ योजना के तहत 684 करोड़ रूपये का आवंटन हुआ लेकिन 56 प्रतिशत धन का इस्तेमाल प्रधानमंत्री के विज्ञापनों के लिए किया गया। केवल 25 प्रतिशत धनराशि राज्यों को गयी…19 प्रतिशत कोष का इस्तेमाल नहीं हुआ।

निर्भया कोष के बारे में उन्होंने कहा कि केवल 15 प्रतिशत रकम का इस्तेमाल हो पाया ।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘आप कल्पना कर सकते हैं…ये हैं प्रधानमंत्री मोदी की महात्वाकांक्षी योजनाएं…लायर-इन-चीफ हैं वह । फिर वह (मोदी) शिकायत करते हैं कि सिद्धू ने मुझे झूठा कहा । शिकायत में बिल्कुल दम नहीं है। बहादुर अपने विरोधियों को परास्त करते हैं । क्या मैं उन्हें राजा हरिश्चंद्र कहूं ?’’

फसल बीमा योजना के बारे में सिद्धू ने कहा कि ‘‘यह तो राफेल से भी बड़ा घोटाला है । यह मैं साफ तौर पर कह रहा हूं।’’

सिद्धू ने कहा, ‘‘संप्रग सरकार के दौरान 4.85 करोड़ किसानों का बीमा हुआ । मोदी सरकार में 4.87 करोड़ किसानों का बीमा हुआ । संप्रग सरकार में 10,560 करोड़ रूपये प्रीमियम लिए गए। ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार में बीमा कराए जाने वाले लोगों की संख्या तो उतनी ही है लेकिन 47,408 करोड़ रूपये प्रीमियम लिए गए। प्रीमियम पांच गुणा बढ़ गया।’’

सिद्धू ने कहा कि संप्रग शासन के दौरान फसल बीमा योजना के तहत दावे के तौर पर 28,564 करोड़ रूपये का भुगतान हुआ जबकि मोदी सरकार में 31,613 करोड़ रूपये ही दिए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘47000 करोड़ प्रीमियम में महज 31,000 करोड़ रूपये चुकाए गए…इसका मतलब है कि इसके बीच का अंतर यानी 16,000 करोड़ रूपये सीधे रिलायंस, बिड़ला और टाटा की जेब में गए।’’

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