सारे दुखों को भूलाकरा इंसानियत को बचाने में जुटे आईटीबीपी के जवान

रिपोर्ट- विजय पचौरी

छत्तीसगढ़-छत्तीसगढ़ नरायणपुर जिले के बीहड़ो,से आ रही तस्वीरों को देखकर किसी भी भारतीय नागरिक का हाँथ हिमवीरों  (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) (itbpके जवानों) को सलाम करने के लिये बरबस ही उठ जाएगा।

वायरल वीडियो के अनुसार जहां अभी तीन दिन पहले कुछ किमी की दूरी पर itbp के जवानों के आपसी संघर्ष में 6 जवानों की मौत हुई थी। जिसकी जांच के लिए बल के अधिकारी और पुलिस प्रशासन की प्रक्रिया अभी चल ही रही है,इस बड़े दुख को भूलाकर नारायणपुर जिले के सोनपुर itbp कैम्प के 6 जवानों ने एक बार फिर से उदारता का परिचय दिया है। सर्चिंग पर निकले जवानों ने मानवता की रक्षा करते हुए इंस्पेक्टर प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में करीब 16 किमी की दूरी तय करके पैदल टूटे-फूटे स्ट्रेचर में बुरी तरह से बीमार महिला को ला रहे आदिवासी ग्रामीणों की मदद कर पीड़िता की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नारायणपुर के दुरान्त बीहड़ जंगल में स्थित पहुंचविहीन धुर नक्सल प्रभावित गांव टहकाडोंड के ग्रामीण एक बीमार महिला को बांस के बने टूटे-फूटे स्ट्रेचर में लादकर कर जैसे-तैसे पैदल ही अस्पताल ला रहे थे। बड़ी परेशानी से वे करीब 12 से 13 किमी की दूरी पैदल तय कर पाए थे,और थक हार कर असहाय बैठ गए थे।

इस पर ग्रामीणों को सर्चिंग में निकले itbp सोनपुर कैम्प के जवान मिल गए। जवानों ने परेशान ग्रामीणों को देखा और हाल चाल जानने के दौरान उनकी नजर बीमार और मरणासन्न अवस्था में पड़ी महिला पर पड़ गई। जवानों ने बिना समय गंवाए पहले तो बीमार महिला का वहीं प्राथमिक उपचार किया।

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उसके बाद बांस से बने स्ट्रेचर को वापस से ठीक करते हुये, बीमार महिला को कंधा देकर करीब दो किमी की दूरी पैदल ही तय किया। जहां पर पूर्व सूचना पर रामकृष्ण मिशन आश्रम की खटारा जीप(एम्बुलेंस) पहुंची हुई थी,वहां तक महिला को पहुंचाया। जहां से आश्रम के लोग महिला को बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय नारायणपुर ले गए।

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