सरकार ने समान्य वर्गों के लिए कि एक महत्वपूर्ण घोषणा , सामान्य वर्ग की कटऑफ हुई कम…
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को भी दरकिनार कर दिया, जिसमें आयोग को ओबीसी कटऑफ कम करने का निर्देश दिया गया था। जहां बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने आयोग के अधिकारियों से पूछा गया हैं कि जब सामान्य वर्ग में लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का अनुपात 1:3 (एक सीट पर तीन अभ्यर्थी) था, तो ओबीसी के लिए 1:12 क्यों था? अधिकारियों ने पीठ को बताया कि 2014 में 177 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे।
इनमें सामान्य वर्ग की 113 सीटें, जबकि 23 सीटें ओबीसी और बाकी एससी-एसटी वर्ग के लिए थीं। 150 अंकों की स्क्रीनिंग परीक्षा में ओबीसी का कटऑफ 99 मार्क्स था, जबकि सामान्य वर्ग का कटऑफ 86 मार्क्स था। लेकिन इसके बाद आयोग ने आरक्षित वर्ग का कटऑफ भी 86 कर दिया था। लेवल प्लेइंग फील्ड को ध्यान में रखते हुए आरक्षित वर्ग का अनुपात 1:12 और सामान्य वर्ग के लिए 1:2 रखा गया था।
दरअसल नियम के तहत एक सीट के लिए 12 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया। इस पर अधिकारियों ने वर्ष 2004 के एक नियम का हवाला दिया।