सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी ईट के भट्ठों पर शौचालय की कोई सुविधा, लापरवाही के पीछे किसका हाथ, बड़ा सवाल…
रिपोर्ट– दिलीप कटियार
फर्रुखाबाद। देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार गांव गांव शहर शहर करोड़ों रुपया खर्च सिर्फ इसलिए कर रही है ताकि कोई भी महिला पुरुष खुले को शौच न जाना पड़ें। बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकें। लेकिन फर्रुखाबाद जिले में लगभग 120 ईट भट्टा चल रहे है। भट्टों पर एक भी शौचालय नही बनाए गए |
सभी भट्ठा मालिको को बिना जांच किये ही एडीएम कार्यालय से ई सी जारी कर दी गई है।जबकि भट्ठा का लाइसेंस देने से पहले भट्ठे पर पानी, रोशनी,शौचालय की व्यवस्था करना अति आवश्यक होता है।जो काम करने के लिए दूसरे राज्य से आने वाले मजदूर आते है उनका लेखा जोखा सरकारी कार्यालय देना होता है।लेकिन भट्ठा मालिक 30 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराकर 300 मजदूरों से अपने अपने भट्ठों पर काम करा रहे है।दूसरी तरफ जो सरकारी मानक है उनको ताख में रखकर सभी नियमो की धज्जियां उठा रहे है।हर भट्ठे पर विहार प्रदेश से आये सैकड़ो मजदूर अपने परिवारों सहित दिन भर ईट पाथने का काम करते है।
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उन्होंने ईटो से ही अपने अपने छोटे घर बना लिए।लेकिन सभी खुले में शौच करने जाते है।रोशनी के लिए सीधे बिजली लाइन से कटिया डाल कर बिजली का प्रयोग कर रहे है।भट्ठा मालिको की तरफ से उनको जो सुविधा देनी चाहिए नही दी जा रही है।न ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है।
उनके बच्चों को स्कूल भी नही भेजा जाता है।जब भट्ठा का लाइसेंस किस आधार पर दे दिया जाता है।दूसरे राज्यों के मजदूर 6 माह के लिए ही भट्ठों पर काम करते है।लेकिन किसी को उनके काम के अनुरूप को सुविधा नही है।फिर भट्ठा मालिक किसके दम पर अंधा कानून चला रहे है।
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जब भट्ठों पर शौचालय न बनाये जाने को लेकर जिला अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भट्ठा पर शौचालय भट्ठा मालिको को ही बनबाने चाहिए थे लेकिन वह विभाग एडीएम साहब के पास है।यदि कोई भट्ठा मालिक शौचालय नही बनाये हुए है।