समाजवादी परिवार जैसा था, वैसा ही है और रहेगाः अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में तमाम उठापटक और पार्टी प्रदेश द्वारा अपने समर्थकों को निष्कासित और उनके इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद भी प्रदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव संयम बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि समाजवादी परिवार में कोई मनमुटाव नहीं है और वह पहले जैसा एकजुट था, अब भी वैसा ही है। अखिलेश ने कहा कि वह जानते हैं कि कई तरह की चर्चाएं हो रही है। लेकिन वह यह साफ कर देना चाहते हैं कि समाजवादी परिवार जैसा था, वैसा ही है और रहेगा। नेता जी के फैसले का सम्मान किया जाएगा।
अखिलेश आज राज्य मंत्रिमण्डल की महत्वपूर्ण बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बोल रहे थे। कैबिनेट बैठक में सिचांई मंत्री व उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, मंत्री आजम खां, महबूब अली, अरविंद सिंह गोप, राजेंद्र चैधरी भी मौजूद रहे। अखिलेश ने कहा कि समय में हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। हमें फिर से समाजवादी सरकार बनानी है और यूपी में घुसने की कोशिश कर रही साम्प्रदायिक ताकतों को रोकना है।
राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये निर्णयों की भी संक्षिप्त जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले सरकारी वकीलों की फीस और भत्ते बढ़ाने का निर्णय लिया है। आने वाले समय में जिला स्तर पर सरकारी अधिवक्ताओं के भी ये लाभ उसी अनुपात में बढ़ाए जाएंगे।
बैठक में विशिष्ट शिल्पकारों की पेंशन एक हजार रूपये से बढ़ाकर दो हजार रपये करने तथा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में दाखिला पाये बच्चों के लिये बजट में इंतजाम करने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा तिलहन आलू अनुदान को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। साथ ही होम्योपैथिक शिक्षकों की नियुक्ति पर मोहर लगी है। जिसके बाद होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति होगी। कैबिनेट ने सुपारी कत्था की एक लाख की खरीद पर वैट लगने पर मंजूरी दे दी है।