ढाई साल बाद सपा नेता और एसडीएम के खिलाफ रेप की कोशिश का केस हुआ दर्ज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी बदहाल है कि एक दलित महिला को सपा नेता और इस सरकार में बड़े अधिकारी के खिलाफ उससे रेप की कोशिश का मामला दर्ज कराने में ढाई साल तक जद्दोजहद करनी पड़ी।
इस दौरान दलित महिला को बेहद प्रताड़ित किया गया और उसे मामले से अपने कदम पीछे लेने के लिए काफी डराया गया।
यहां तक की सत्ता के बल पर उसके पति को ही आरोपियों ने झूठा मामला बनाकर जेल करा दी।
मामला उत्तर प्रदेश के औरैया जिले का है। यहां सपा नेता व सब डिविजनल मजिस्ट्रेट सदर सहित एक अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पीड़िता के अनुसार वह 19 मार्च 2014 को अपनी बेटी के साथ ओरैया के खानपुर स्थित घर में सो रही थी।
इस दौरान सपा में वरिष्ठ नेता इरशाद कुरैशी, एसडीएम सदर जीतेंद्र कुमार श्रीवास्तव और इब्राहिम उसके घर पहुंच गए।
इन तीनों ने उसके साथ छेड़छाड़ करते हुए रेप की वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया।
उसने आरोपियों से बचने के लिए शोर मचाया, जिसके बाद तीनों मौके से फरार हो गए।
इस वारदात के बाद उसने तत्कालीन पंचायत के प्रमुख व सपा नेता इरशाद कुरैशी, एसडीएम सदर जीतेंद्र कुमार श्रीवास्तव और इब्राहिम के खिलाफ खिलाफ आवाज उठाई।
लेकिन सत्ता और सरकार की ताकत ने उल्टा उसके परिवार को ही दूसरे मामले में फंसा दिया।
कथित रूप से आरोपियों ने दलित महिला के पति को झूठे आरोप में फंसा दिया। जिसके चलते उसके पति को जेल भेजा गया। जहां से उसे काफी दिनों बाद रिहाई मिली।
पीड़ित पति-पत्नी ने इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ लड़ाई नहीं छोड़ी।
उन्होंने 25 अगस्त को कानपुर डिविजनल कमीश्नर से न्याय की गुहार लगाई।
इसके बाद कानपुर डिविजनल कमीश्नर के आदेश पर तीनों के खिलाफ छेड़छाड़ और रेप की कोशिश करने के अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि अभी मामले में पीड़ित परिवार को पूर्ण न्याय नहीं मिला है। क्योंकि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।