संसद में सांसदों के गायब रहने पर PM मोदी हुए आगबबूला, कहा “ऐसी गलती नहीं होगी बर्दाश्त”

दोबारा सत्ता में वापसी के बाद मंगलवार को पहली बार भारतीय जनता पार्टी की पहली संसदीय दल की बैठक हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में सांसदों की खराब उपस्थिति का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वह विधायी कार्यवाही के दौरान जरूर उपस्थित रहें।

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सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने संसद में सांसदों के गायब रहने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सांसदों से सवाल किया, ‘आपको कैसा लगेगा यदि आप चुनाव तो दो लाख वोट से जीत जाएं, लेकिन आपको पता चले कि आपके सबसे अच्छे दोस्त ने ही आपको वोट नहीं दिया? आपको कैसा लगेगा यदि आपके क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रैली को अंतिम समय में रद्द कर दिया जाए?’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को भी ऐसा ही महसूस होता है जब सांसद संसद से अनुपस्थित रहते हैं।

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प्रधानमंत्री ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान की संसद में बेहतर उपस्थिति उदाहरण देते हुए भाजपा सांसदों को पासवान से सीखने की नसीहत दी। उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि वह चिराग पासवान से सीखें कि संसदीय बहस में कैसे किसी मुद्दे पर पूरी तैयारी करके आया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश 21 जून को तीन तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान भाजपा सांसदों की लोकसभा में कम उपस्थिति के परिदृश्य में आया है। बता दें कि तीन तलाक बिल के पक्ष में 186 वोट पड़े थे और इसके खिलाफ 74 वोट पड़े थे। ऐसा तब हुआ जब अकेले भाजपा के पास 303 सदस्य हैं और इसके सहयोगियों के 50 सदस्य हैं।

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