
मुंबई। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव होने के बाद से भाजपा और शिवसेना की राहे अलग हो गई है। भले ही शिवसेना से caa पर भाजपा का साथ दिया। लेकिन और किसी भी विषय पर यह भाजपा का साथ देने से कटराती दिखाई देती है। अब इस मसले पर भी शिवसेना भाजपा का साथ देती हुई नहीं नजर आ रही है। संक्रमण से लड़ने के लिए पीएम मोदी ने सभी विधायकों के वेतन से 30फीसद की कटौती की बात की थी। इस बात पर शिवसेना पीएम मोदी पर तीखा प्रहार किया है।
‘सामना’ की संपादकीय में लिखा है छह-सात साल पहले देश में इतना पैसा था कि सरकार जनता के खाते में 15-15 लाख जोड़ने की बात कह रही थी. विदेशों में 70,000 करोड़ रुपए का काला धन भारत लाने की तैयारी चल रही थी. वह धन अभी भी लाया जा सकता है और उसके बल पर कोरोना से लड़ सकते हैं, लेकिन सरकार ने मौजूदा सांसद के वेतन, भत्ते और पेंशन में ही 30 फीसदी की कटौती करने का निर्णय किया गया है. यही नहीं आगे लिखा गया है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने भी वेतन कटौती को अपनी मंजूरी दे दी है.