शिक्षा मंत्रालय ने बनाई योजना, हर राज्य में होंगे IIT- IIM जैसे संस्थान
आइआइटी और आइआइएम जैसे शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ना भला कौन नहीं चाहेगा, लेकिन संस्थानों की सीमित संख्या और सीटों के साथ सभी राज्यों में इनकी मौजूदगी न होना इस राह में एक बड़ी बाधा है। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने इस बाधा को दूर करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सभी राज्यों में अब आइआइटी और आइआइएम जैसे उच्च शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। मौजूदा समय में देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही आइआइटी और 20 राज्यों में आइआइएम मौजूद हैं। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां दो आइआइटी मौजूद हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल सभी राज्यों में इन संस्थानों को खोलने की इस योजना पर काम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद शुरू किया है, जिसमें ऐसे संस्थानों को सभी राज्यों में खोलने की सिफारिश की गई है। वैसे भी जब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल का काम तेजी से चल रहा है, ऐसे में मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को भी लेकर भी गंभीरता दिखाई है। फिलहाल ऐसे सभी राज्यों को चिन्हित कर लिया गया है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें आने वाले दिनों में वंचित राज्यों में ऐसे में संस्थानों को खोलने का फैसला लिया जा सकता है। वैसे भी मोदी सरकार ने आने के बाद शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या और सीटों को बढ़ाने में जुटी हुई है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि 2014 के बाद से देश में अब तक सात नए आइआइएम और इतने ही नए आइआइटी खोले जा चुके हैं।
2014 से पहले देश में कुल 13 आइआइएम और 16 आइआइटी ही मौजूद थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये वैसे भी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में जिस तरह से बड़े बदलाव की योजना बनाई है, उनमें सभी राज्यों में ऐसे संस्थानों की स्थापना जरूरी हो जाती है। फिलहाल इस योजना के तहत देश के नौ राज्य और सात केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिसमें अब तक आइआइएम नहीं है। इनमें गोवा और दिल्ली सहित मेघालय को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं, जहां आइआइएम को खोलने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है।
वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य है, जहां आइआइएम है। इसी तरह देश के आठ राज्य और छह केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां आइआइटी अभी नहीं है। योजना के तहत सभी राज्यों में इन संस्थानों के स्थापित होने के बाद बडे़ राज्यों में इनकी संख्या को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।