शिक्षामित्रों के आंदोलन से हरकत में आए सीएम योगी, सभी की मूल पद पर वापसी

शिक्षामित्रों के आंदोलनलखनऊ। राजधानी में सोमवार से शुरू हुए शिक्षामित्रों के आंदोलन से हरकत में आई राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले किये हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शासन ने सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किये गए 1.37 लाख शिक्षामित्रों को पहली अगस्त से शिक्षामित्र के पद पर वापस करने और उन्हें 10 हजार रुपये मासिक मानदेय देने का फैसला किया है।

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शिक्षक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को जहां अभी तक 38,800 रुपये वेतन मिल रहा था, वहीं समायोजन से वंचित शिक्षामित्रों को 3,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। वहीं शिक्षामित्रों को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में मौका देने के लिए 15 अक्टूबर को उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2017 आयोजित कराने का निर्णय किया गया है। शिक्षकों की भर्ती में शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंक तक भारांक (वेटेज) देने के लिए नियमावली में संशोधन करने का भी फैसला हुआ है। शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर में विज्ञापन प्रकाशित होगा।

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अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने का मौका देने जा रही है। शिक्षामित्र शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्य अर्हता प्राप्त कर सकें, इसके लिए 15 अक्टूबर को यूपीटीईटी-2017 कराया जाएगा। परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। शिक्षामित्रों को शिक्षकों की भर्ती में उनके अनुभव के आधार पर प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 2.5 अंक और अधिकतम 25 अंक तक भारांक (वेटेज) दिया जाएगा। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति में भारांक का लाभ देने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन कराया जाएगा। यह संशोधन शैक्षिक योग्यता और गुणांक निर्धारण में किया जाएगा। इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है।

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