शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला , विधानसभा क्षेत्र के 5 बूथों पर हो EVM का मिलान

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ा दिया हैं।  शीर्ष कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ से बढ़ाकर पांच बूथों की वीवीपैट पर्चियों की औचक जांच का निर्देश दिया है। जहां कोर्ट ने कहा कि वह मतदाताओं के विश्वास और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ध्यान में रखकर वीवीपैट पर्चियों की जांच वाले नमूने बढ़ा रहा हैं।

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बता दें की वहीं चुनाव आयोग ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सिर आंखों पर है। वहीं आयोग ईवीएम में डाले गए वोट और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का जल्द से जल्द अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

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लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में औचक तौर पर पांच वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा। अभी सिर्फ एक ईवीएम का वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह बढ़कर 20,625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा।

अभी आयोग विधानसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र में और लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में इस प्रकिया का पालन करता हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट का औचक मिलान करना होगा।

गौरतलब है कि  21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की मांग की थी।वहीं विपक्षी नेताओं का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि उन्हें 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती से चुनाव नतीजे में देर होने पर आपत्ति नहीं है , 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि 50 फीसदी ‘वीवीपैट’ पर्चियों की गिनती किए जाने पर लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा में छह दिनों की देर होने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। और साथ ही उन्होंने कहा कि यह कोई ‘गंभीर विलंब’ नहीं है, बशर्ते कि यह चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करती हो।

दरअसल टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्षी दलों द्वारा दाखिल एक जवाबी हलफनामे में यह दलील दी गई है। जहां उन्होंने इसे चुनाव आयोग के उस दावे के जवाब में दाखिल किया है, जिसमें कहा गया था कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन करने से चुनाव नतीजों की घोषणा में ‘5.2’ दिनों की देर हो जाएगी। वहीं नेताओं का कहना हैं की यदि यह किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को सुनिश्चित करती है तो यह गंभीर विलंब नहीं हैं।

वोटर वेरीफाइड ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन ईवीएम से जुड़ी होती है। जब मतदाता ईवीएम पर बटन दबाता है तब वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती हैं। जिस पर उस पार्टी का चुनाव निशान और उम्मीदवार का नाम होता है जिसे मतदाता ने वोट दिया होता है। वहीं मतदाता को सात सेकेंड तक दिखने के बाद यह वीवीपैट मशीन में एक बक्से में गिर जाती है।

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