शादी के बाद दुल्हन क्यों पहनती है चूड़ा, जानें पूरी रस्म के बारे में

शादी की रस्मोंनई दिल्ली। शादी हर किसी की जिंदगी का सबसे खास दिन होता है. सभी अपने इस दिन को परफेक्ट बनाना चाहते हैं. लड़का हो या लड़की दोनों में ही इस स्पेशल दिन को लेकर काफी उत्साह साफ़ देखने को मिलता है. वह अपने इस खास दिन के लिए ढेरों तैयारियां करते हैं. खासतौर पर पंजाबियों में शादी की रस्मों को लेकर ज्यादा क्रेज देखने को मिलता हैं. वो अपने हर रस्म के फंक्शन की खास तैयारियां करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी के दौरान होने वाली रस्मों का असल मतलब क्या होता है.

पंजाबियों में दुल्हन को चूड़ा पहनना बहुत जरूरी होता है और इसकी एक रस्म भी होती है चूड़ा सेरेमनी शादी की सुबह दुल्‍हन के घर पर ही होती है. दुल्‍हन के मामा उसके लिए चूड़ा ले कर आते हैं जिसमें लाल और सफेद रंग की 21 चूडियां होती हैं. दुल्‍हन इस चूड़े को तब तक नहीं देख पाती है जब तक की वह पूरी तरह से तैयार ना होकर मंडप पर दूल्‍हे के साथ ना बैठ जाए.

दुल्‍हन को चूड़ा शादी के मंडप में मामा देते हैं. उस दौरान दुल्‍हन की आंखें उसकी मां बंद कर देती हैं, जिससे वह चूड़ा न देख पाए. माना जाता है कि तैयार होने से दुल्हन का चूड़ा देखना शुभ नहीं होता. वहीं रस्म वाले दिन से एक रात पहले चूड़े को दूध में भिगो कर रखा जाता है.

दुल्‍हन को लगभग 1 साल तक चूड़ा पहनना होता है. हालांकि इसे 40 दिन तक भी पहना जा सकता है. शादीशुदा होने का प्रतीक है, साथ ही यह प्रजनन और समृद्धि का संकेत भी होता है.

चूड़े की रस्म चूड़ा उतारने की रस्म चूड़ा उतारने की रस्म में दुल्‍हन को शगुन और मिठाई दी जाती है. फिर चूड़ा उतार कर उसकी जगह पर कांच या सोने की चूड़ियां पहना दी जाती हैं. इस मौके पर परिवार की महिलाएं इक्ट्ठी होती हैं.

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