मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पहली बार मदरसों और चार शादियों पर खड़े किए सवाल
नई दिल्ली। ऑल इंडिया वुमन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रेसिडेंट शाइस्ता अंबर ने एक साक्षात्कार में मदरसों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये हैं। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम मर्दों की चार शादियों पर नाराजगी जताई है।
शाइस्ता अंबर ने ये कहा
शाइस्ता अंबर ने कहा कि ‘तमाम मौलाना अपने बच्चों को तो कान्वेंट में पढ़ाते हैं और कौम से कहते हैं कि बच्चों को मदरसे भेजो। ऐसी एजुकेशन के कारण ही औरतें जिंदगी में गैर-बराबरी बर्दाश्त करती रहती हैं। इसे बदलने की जरूरत है।’
शाइस्ता ने मुस्लिम धर्म में महिलाओं की गैर-बराबरी को लेकर भी खुल कर बात की। उनके अनुसार मुस्लिम धर्म में मर्दों को चार शादियों की छूट नहीं होनी चाहिये। लेकिन अफसोस कि ऐसा है। शाइस्ता कहती हैं कि मुस्लिम लॉ बोर्ड की व्याख्या में ही गड़बड़ी है, जिस वजह से मुस्लिम महिलाओं को यह सब झेलना पड़ रहा है। वह कहती हैं मुस्लिम धर्मगुरु उन लोगों को पसंद नहीं करते जो महिलाओं के हक की बात करते हैं।
शाइस्ता लम्बे समय से मुस्लिम धर्म में महिलाओं की गैर-बराबरी और उनके अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रही हैं। इसी के तहत उन्होंने साल 2005 में ऑल इंडिया वुमन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनाया। जिसके बाद इन्हें सोशल बायकॉट का सामना भी करना पड़ा था।