पाकिस्तानी रेडियो के प्रसारित हुए बुलेटिन में आतंकवादियों को बताया गया शहीद
पाकिस्तान में चल रहे आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंपों पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद यह माना जा रहा था कि अब कुछ समय तक पड़ोसी देश आतंकवाद को लेकर अपनी नीति में बदलाव लाएगा। जी नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ। पुलवामा की घटना हो या जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के दूसरे बड़े मामले रहे हों, पाकिस्तान उन्हें आतंकी बताने से गुरेज कर रहा है। इतना ही नहीं, शुक्रवार को रेडियो पाकिस्तान का दोपहर तीन बजे प्रसारित हुआ बुलेटिन तो कश्मीर में मारे गए आतंकियों को शहीद कह रहा है।
सेना ने कुपवाड़ा में दो आतंकवादी मार गिराए तो रेडियो पाकिस्तान ने कहा, दो कश्मीरी नौजवानों को शहीद कर दिया गया।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार को वहां की सेना जैसा कहती है, वह उसी तरह से काम करती है। पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद यह कहा गया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सेना ने जो लिखकर दिया है, उन्होंने मीडिया के सामने वही बोला है।
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मेजर जन. गगनदीप बख्शी (सेनानिवृत) का कहना है कि पाकिस्तान इतनी आसानी से नहीं सुधरने वाला है। वह दुनिया को दिखाने के लिए भले ही कोई भी तमाशा करे, लेकिन आतंक के मुद्दे पर उसने अपनी नीति में कोई बड़ा बदलाव किया है, ऐसा कम ही नजर आता है। भारत को पाकिस्तान में बड़ी स्ट्राइक करनी चाहिए थी। जब रेडियो पाकिस्तान कश्मीर के आतंकियों को शहीद बता रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार और सेना भी यही राय रखती है।
शंकर प्रसाद ले.जन (सेवानिवृत) भी इस बात को मानते हैं कि पाकिस्तान जानबूझ कर आतंकवादी घटनाओं को बंद नहीं करता। चूंकि वहां चलने वाले सभी ट्रेनिंग कैंप सेना और आईएसआई के नियंत्रण में हैं, इसलिए सरकार के पास कुछ करने की ज्यादा हिम्मत नहीं है। पुलवामा हमले के बाद विश्व के देशों को दिखाने के लिए पाकिस्तान लगातार यह बयानबाजी कर रहा है कि वह अमन चैन का पक्षधर है।
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वह लड़ाई नहीं चाहता है। पाकिस्तान दूसरे देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता। दूसरी ओर, शुक्रवार को जारी रेडियो बुलेटिन में कहा जा रहा है कि कुपवाड़ा में सेना ने दो कश्मीरी नौजवानों को शहीद कर दिया। पड़ोसी देश का यह बयान दर्शाता है कि वह कश्मीर को लेकर अपनी नीति में इतनी जल्दी कोई बदलाव लाने वाला नहीं है।