विवाद के बाद शहीद संतोष यादव की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
लखनऊ/जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शहीद हुए जौनपुर निवासी व फरह थाना के प्रभारी संतोष यादव का शनिवार सुबह रामघाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। शहीद संतोष यादव का शव पोस्टमॉर्टम के बाद शुक्रवार देर रात मथुरा से केवटली गांव पहुंचा था। पत्नी मिथिलेश व दोनों बच्चों और मां अभिराजी देवी के साथ हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्घांजलि दी।
शहीद संतोष यादव के गांववालों ने दिया धरना
जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि अंतिम संस्कार कराने की तैयारी में थे, लेकिन परिजन मुख्यमंत्री को गांव में बुलाने की मांग पर अड़ गए। परिजनों को रातभर मनाने का प्रयास चलता रहा। गांववालों ने शव के पास ही धरना दे दिया। बाद में किसी प्रकार पत्नी मिथिलेश यादव ने अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी।
शनिवार सुबह छह बजे परिजन संतोष का पार्थिव शरीर लेकर केवटली गांव से जौनपुर रवाना हुए। जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों ने शहीद संतोष को कंधा दिया।
शवयात्रा रामघाट पर प्रात: 8.30 बजे पहुंची, जिसके बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई ने मुखाग्नि दी। जब बेटा निखिल पिता की चिता सजा रहा था, तो घाट पर मौजूद ज्यादातर लोग यह दृश्य देख फफक पड़े। इस दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव भी मौजूद थे।