सुशासन में डॅान रिटर्न, 11 साल बाद अब जश्‍न का माहौल, नीतीश ने सवालों से किया किनारा

 शहाबुद्दीनसिवान। शहाबुद्दीन जमानत पर 11 साल बाद भागलपुर जेल से रिहा होकर छह-सात सौ गाड़ियों के काफिले के साथ अपने गृह जनपद सिवान पहुंचे हैं। शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व बाहुबली सांसद रह चुके हैं। उनके गांव सिवान में चारों ओर जश्‍न का माहौल है।

नीतीश कुमार ने साधी चुप्‍पी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनेक मामलों से जुड़े राजद नेता शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के मामले में कहा कि अदालत में सरकारी पक्ष को पूरी निष्ठा, जवाबदेही और गंभीरता से रखा गया। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन बहुत साल जेल में रहे। वैसे यह न्यायिक प्रक्रिया है। वे अदालत के आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करना चाहते हैं।

कुड़मी सेना के करम महोत्सव में शामिल होने संक्षिप्त दौरे पर लौहनगरी पहुंचे नीतीश शनिवार को सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। दरअसल, वे शहाबुद्दीन प्रकरण में बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे। भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अदालत में ईमानदारी से पक्ष नहीं रखा।

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उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि सुशीलजी पहले उनके सहयोगी थे तो ठीक थे। वैसे उन्हें बयान देने की बीमारी है। आमतौर पर उनके बयानों में गैर जिम्मेदारी की बातें रहती हैं। वे बेरोजगार हैं तो कुछ न कुछ बोलेंगे ही। हालांकि, शहाबुद्दीन प्रकरण में नीतीश से पूछे गए अधिकांश सवालों पर कन्नी काट गए।

नीतीश ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी में बदलाव का प्रयास अनुचित है। अध्यादेश के जरिये पिछले दरवाजे से यह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉल और बाजार बनाने के लिए व्यापारियों को जमीन देने के लिए अगर ऐसा बदलाव किया जाता है तो यह ठीक नहीं है क्योंकि इससे कितने लोगों को रोजगार मिलेगा पता नहीं।

उन्होंने कहा कि यह सौ साल से पुराना कानून है और आदिवासियों एवं मूलवासियों के अधिकार को संरक्षित रखने के लिए बनाया गया था। इसलिए इसमें कोई बदलाव करना है तो विधानसभा से प्रस्ताव पारित होना चाहिए।

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