अगर-मगर का झझंट खत्‍म, ख्‍वाबों में भी CM नहीं बनेंगी शशिकला, SC ने सुनाई चार साल जेल की सजा

शशिकलानई दिल्ली। अगर-मगर सब खतम शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक मामले में चार साल की सजा सुना दी है। अब शशिकला 6 साल तक सीएम पद की दावेदारी नहीं कर सकेंगी। तमिलनाडु में पन्नीरसेल्वम की जगह सीएम बनने पर अड़ी वीके शशिकला के लिए यह बहुत बुरी खबर है।

दरअसल आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सजा सुनाईजिस केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है उस केस में कर्नाटक हाईकोर्ट से शशिकला बरी हो चुकी हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट शशिकला को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो शशिकला के मुख्यमंत्री बनने की राह में कोई नई मुश्किल नहीं खड़ी होगी, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट शशिकला को दोषी करार देता है तो वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी और जेल भी जा सकती हैं।

 शशिकला के खिलाफ केस क्या

ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था। इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था। शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है।

सुप्रीम कोर्ट से पहले इस केस में क्या क्या फैसले

27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की विशेष अदालत ने जयललिता को 4 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस केस में ही शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी और 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था। फैसले के बाद चारों को जेल भी भेजा गया था। जिसके बाद विशेष अदालत के बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था।

11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने कर दिया था बरी

11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में चारों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट से जयललिता और शशिकला को बड़ी राहत तो मिली थी, लेकिन इसके बाद कर्नाटक की सरकार जयललिता की विरोधी पार्टी डीएमके और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दे दी। कर्नाटक सरकार इस मामले में इसलिए पड़ी, क्योंकि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

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