हंसने वाले व्यायाम से बुजुर्ग रहते सेहतमंद

व्यायामन्यूयॉर्क| एक अध्ययन में पता चला है कि हंसने को अपने शारीरिक व्यायाम में शामिल किए जाने से बुजुर्ग लोगों के मानसिक स्वास्थ्य, एरोबिक और व्यायाम करने के आत्मविश्वास में सुधार आता है। इस अध्ययन में बुजुर्ग लोगों ने एक मध्यम हंसी वाले व्यायाम ‘सक्रिय हंसी’ में भाग लिया। इस शारीरिक व्यायाम में मजबूती, संतुलन और लचीलेपन वाले कसरतों में बनावटी हंसी को शामिल किया गया।

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निष्कर्षो से पता चलता है कि बनावटी हंसी से बुजुर्गो के कार्यात्मक और संज्ञानात्मक हानि से बचाव का एक आदर्श तरीका हो सकता है।

प्रतिभागियों के मानसिक स्वास्थ्य, एरोबिक और व्यायाम के दूसरे परिणामों में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए।

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इसके अलावा 96.2 प्रतिशत प्रतिभागियों ने पाया कि हंसी उनके लिए पारंपरिक व्यायाम कार्यक्रम में एक आनंदायक जोड़ी गई वस्तु हो सकती है। प्रतिभागियों में से 88.9 प्रतिशत ने कहा कि हंसी व्यायाम को ज्यादा सुलभ बना देती है। करीब 88.9 प्रतिशत ने कहा कि हंसी के इस कार्यक्रम ने उन्हें दूसरी गतिविधियों में शामिल होने को प्रेरित किया है।

जार्जिया स्टेट विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र, प्रमुख लेखक क्लीस्टी ग्रेनी ने कहा, “हंसी और व्यायाम के संयोजन के प्रभाव से बुजुर्ग लोगों पर ने व्यायाम करना शुरू किया और कार्यक्रम में बने रहे।”

शारीरिक गतिविधि से स्वास्थ्य लाभ और निष्क्रियता से होने वाले जोखिम के बावजूद, बहुत सारे वयस्क अपने सेहत के लिए जरूरी शारीरिक गतिविधि नहीं करते।

व्यायाम से दूर होंगी बीमारियाँ

शोधकर्ताओं का कहना है कि बुजुर्ग लोगों के लिए रोज की शारीरिक गतिविधि से जुड़े रहने की प्रेरणा को बनाए रखना एक चुनौती है।

अमेरिकी विभाग के स्वास्थ्य और मानव सेवाएं 2008 के शारीरिक गतिविधि दिशा निर्देशों के अनुसार, वयस्कों को हफ्ते में कम से कम पांच दिन करीब 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि मनचाहे स्वास्थ्य परिणाम के लिए करनी चाहिए।

इन स्वास्थ्य फायदों में मृत्युदर में कमी और कई पुरानी बीमारियों जैसे दिल से जुड़ी बीमारियां, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, टाइप2 मधुमेह, उपापचय सिंड्रोम, ऑस्टियोपोरोसिस, कोलन कैंसर, अवसाद, चिंता आदि का खतरा कम होता है।

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