वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, इस वजह से विलुप्त हुए थे धरती से डायनासोर!
न्यूयॉर्क। डायनासोर के विलुप्त होने की पहेली को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि करोड़ों साल पहले एस्टेरॉयड के धरती से टकराने पर दुनियाभर के ज्वालामुखी मैग्मा भड़कने के कारण डायनासोर यहां से विलुप्त हो गए होंगे।
वैज्ञानिकों ने इस नई धारणा के पक्ष में मिले सबूतों के आधार पर यह दावा किया कि करीब 6.6 करोड़ वर्ष पूर्व छह मील चौड़ा एक एस्टेरॉयड (क्षुद्र ग्रह) मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप से टकराया होगा, जिससे धरती और समुद्र दोनों में जबरदस्त् भूकंप आया था।
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इस मामले में मिनेसोटा विश्वविधालय के वैज्ञानिक जोसेफ बायर्न्स ने कहा कि, हमे पूर्व में सामूहिक विलुप्ति की घटना के समय अज्ञात समयावधि के दौरान दुनिया में शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट के साक्ष्य मिलें है।
बता दे कि, 1980 के दशक में जब आज के मेक्सिको में चिक्जुलुब के पास उल्कापात के सबूत मिले थे, तब से वैज्ञानिकों के बीच इस बात का मतभेद बना हुआ है कि किसी एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की वजह से भारत के दक्कन क्षेत्र में सबकुछ समाप्त हो गया था।
जिसकी वजह से डायनासोर की मौत हुई या फिर किसी ज्वालामुखी विस्फोट के कारण यह प्रजाति विलुप्त हो गई थी।
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इस बारे में ओरेगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लीफ कार्लस्ट्रोम का कहना है कि कई रिसर्च से इस बात के संकेत मिले हैं कि, दक्कन क्षेत्र में कई ज्वालामुखी उल्कापात होने से पहले ही सक्रिय थे। इस प्रकार उल्कापात होने से धरती पर भूकंप संबंधी तरंगों में तेजी आई और विस्फोट की रफ्तार काफी बढ़ गई।
कार्लस्ट्रोम के मुताबिक, हमारे रिसर्च में पूरी धरती पर हुई इन दुर्लभ और विनाशाकारी घटनाओं के बीच संबंध है। उल्कापात के प्रभाव से ज्वालामुखी विस्फोट हुए होंगे, जो पहले से ही जारी थे। जिस वजह से इसका असर दोतरफा पड़ा होगा।