विश्व हिंदू परिषद का ऐसा ऐलान जिसे जानकर छूट जायेंगे सरकार के पसीने

विश्व हिंदू परिषद ने एलान किया है कि अयोध्या में हो रही यह धर्मसभा मंदिर निर्माण के लिए अंतिम सभा है। अब मंदिर निर्माण के लिए सभाएं, प्रदर्शन और धरना के जरिये संदेश नहीं दिए जाएंगे। विरोधियों को समझाया नहीं जाएगा बल्कि सीधे मंदिर का निर्माण का काम होगा।

विश्व हिंदू परिषद

विहिप के प्रांत संगठन मंत्री भोलेन्द की तरफ से बृहस्पतिवार को यहां जारी बयान में कहा गया कि इस सभा से मंदिर निर्माण में अड़ंगा डालने को अंतिम बार समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

न माने तो नतीजा भुगतेंगे। बयान में विहिप ने हिंदू समाज से 25 नवंबर को अधिक से अधिक संख्या में अयोध्या पहुंचने का आह्वान भी किया गया। कहा कि हिंदुओं को इस सभा में हिस्सा लेकर यह दिखा देना चाहिए कि देश क्या चाह रहा है।

अंगद व कृष्ण की तरह समझाने की अंतिम कोशिश
विहिप संगठन मंत्री ने कहा कि जिस तरह युद्ध से पहले अंगद दूत बनकर रावण को समझाए गए थे। कहा था कि सीता मॉं को भगवान राम को ससम्मान देकर युद्ध टाल लें। कृष्ण पांडवों का दूत बनकर कौरवों को समझाने गए थे कि पांच गांव ही दे दो ताकि युद्ध न हो। पर, न रावण माना और न कौरव। परिणाम सबके सामने हैं।
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उसी तरह संत समाज भी इस धर्मसभा के जरिये लोगों को समझाना चाह रहे हैं कि मंदिर निर्माण पर हठधर्मिता न करें। धर्मसभा के बाद भी अगर मेंदिर विरोधी हठधर्मी पर अड़े रहे तो उसके नतीजे गंभीर होंगे।

राहुल व अखिलेश पर भी निशाना

विहिप ने कांग्रेस अध्यक्ष  राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा। कहा कि जनेऊ पहनकर और मानसरोवर की यात्रा से हिंदू बनकर तथा रामनामी दुपट्टा ओढ़कर मंदिर का विरोध करने वालों को यह अंतिम संदेश है। मंदिर निर्माण का विरोध छोड़ दें तो ही अच्छा है। संगठन मंत्री भोलेन्द ने हिंदुओं से कल शुक्रवार को जनजागरण यात्रा निकालकर धर्मसभा का संदेश देने का आह्वान किया है।
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