विश्व स्तनपान सप्ताह की जागरूकता के लिए निकाली गयी विशाल रैली, 800 से ज्यादा लोगों ने लिया हिस्सा

REPORT-LOKESH TRIPATHI/AMETHI

भारत में विश्व स्तनपान सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त मनाया गया कार्यक्रम के दृष्टिगत आज अमेठी जनपद में मुख्य विकास अधिकारी प्रभुनाथ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरएम श्रीवास्तव पुलिस क्षेत्राधिकारी पीयूष कांत राय के तत्वाधान में विशाल जागरूकता रैली निकाली गई.

जिसमें विद्यालय की शिक्षिकाओं सहित आंगनवाडी कार्यकत्रियों द्वारा जनपद मुख्यालय स्थित जिला अधिकारी आवास से गौरीगंज नगर भ्रमण करते हुए लोगों को नवजात बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद से 6 महीने तक नियमित एवं अनिवार्य रूप से स्तनपान कराने की सलाह दी गई। इसमें लगभग 800 लोगों ने हिस्सा लेते हुए 2 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई।

जागरूकता रैली

इस अवसर पर अमेठी जनपद के विकास अधिकारी प्रभुनाथ की विश्व स्तनपान दिवस 1 अगस्त 7 अगस्त मनाया गया आज मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को इसकी महत्वता के संबंध में जागरूक करने का प्रयास किया गया.

जो 6 माह तक के बच्चे हैं उनको कितना आवश्यक है मां का दूध पिलाया जाना साथ ही साथ इस में जो बच्चे प्रतिभाग किए हाय आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा बहु तथा एएनएम प्रतिभाग किए हैं क्योंकि इनके द्वारा ही आंगनबाड़ी एएनएम और आशा के द्वारा ही ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में जहां इनका केंद्र है उस क्षेत्र की महिलाएं जो गर्भवती महिलाएं हैं.

उनको समय समय पर टीकाकरण या जिनकी डिलीवरी होती है उनको यह प्रेरित करती हैं इसी मकसद से जागरूकता रैली निकाली गई और मानव श्रृंखला तैयार की गई ताकि लोग इसके बारे में जाने मां का जो दूध होता है उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है उससे संक्रमण ना होने की जो संभावना होती है.

यह सब बताया गया कोई ऐसा बच्चा ना हो जो उसकी मां की न जानकारी की वजह से यह अनभिज्ञता के कारण वह मां के दूध से वंचित रह जाए श्री मां के बाद अलग से पूरक आहार दिए जाने का है लेकिन छह माह तक सिर्फ और से प्रत्येक दशा में बच्चे को मां का दूध पिलाया जाना आवश्यक है ।

वहीं पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया की आंगनबाड़ी आशा एएनएम स्कूली बच्चों महिलाओं अध्यापिका के द्वारा सभी जनता को जागरूक किया जाए कि मां के स्तनपान कराने से से कितना लाभ है बच्चों को जैसे ही बच्चा पैदा होता है.

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तुरंत मां का दूध पिलाएं 6 माह तक तक पिलाते रहें उसके बाद ऊपरी खाद्य पदार्थ भी दें और मां का दूध भी पिलायें। मां के दूध से डायरिया को पोषण निमोनिया आदि से बचाव होता है आज के इस कार्यक्रम में लगभग 800 लोग शामिल हुए हैं और 2 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी।

जन्म के तुरंत बाद ही बच्चों को मां का दूध पिलाना चाहिए क्योंकि मां के दूध में एमीनों ग्लोबिन होता है जो लोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है इसलिए सभी बच्चों को जन्म के तुरंत बाद ही स्तनपान कराया जाता है।

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