विशाल जनसमूह के बीच मनाया गया विश्व मूलनिवासी आदिवासी दिवस
रिपोर्ट – नितिन चौधरी
मध्य प्रदेश : आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जिला मंडला मुख्यालय के महात्मा गांधी स्टेडियम ग्राऊंड में शुक्रवार को वृहद रूप पर विश्व मूलनिवासी स्वदेशी आदिवासी दिवस मनाया गया।
बता दे कि उक्त आयोजन के संरक्षक मंडला जिले की निवास विधानसभा के विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले व आयोजन समिति के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मंच में आयोजन समिति के वक्ताओ ने जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने डब्ल्यू एन डब्ल्यू जी आई पी कार्यदल के 11 वे अधिवेशन में मूल निवासी घोषणा को मान्यता मिलने पर 1994 को मूल निवासी दिवस और 09 अगस्त को मूलनिवासी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसी को लेकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा हैं।
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इसे पर्व के रूप में मनाने के पीछे सामाजिक एक जुटता यानी स्वेदशी लोगों के दिन का इतिहास कहता हैं कि समूचे विश्व भर में लभभग 370 मिलियन स्वेदशी आबादी हैं जो 90 से अधिक देशों में रहती हैं।
मूलनिवासी समाज अपनी उपेक्षा, बेरोजगारी, पलायन, बंधुआ मजदूरी, अशिक्षा, संस्कृति, भाषा, स्वास्थ्य, विस्थापन, प्राकृतिक संसाधनों, जल जंगल और जमीन की लूट जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं।
मूलनिवासियों को हक का अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण भाषा संस्कृति व पहचान संविधान की पांचवीं अनुसूची जल जंगल और जमीन पर मालिकाना हक वनाधिकार इतिहास के संरक्षण आदि के लिए यूएनओ की महासभा द्वारा 09 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूल निवासी प्रतिनिधियों का प्रथम विश्व सम्मेलन आयोजित किया गया था।
आज हम 25 वे साल में प्रवेश कर रहें हैं विश्व मूल निवासी स्वेदशी पर्व दिवस सम्मेलन के बैनर तले आदिवासी सम्पदा की धरोहरों की नुमाईश के साथ पारंपरिक भेष-भूषा को धारण कर जिले के लगभग 80 हजार मूल निवासी आदिवासी मंडला मुख्यालय के स्टेडियम में पहुँचे।
उक्त कार्यक्रम में सर्व प्रथम मण्डला जिले की राजराजेश्वरी शक्ति पीठ में गोंगो पूजन के साथ स्टेडियम ग्राउंड में सामाजिक सरोकार से जुड़ी समस्याओं और आदिवासी समाज की सरकारों द्वारा की गई उपेक्षित कार्यप्रणाली पर सम्वाद हुए।
वही मंडला जिले की सरजमी में जनजाति समाज को विकास की मुख्य धारा से कदमताल करने के साथ समाज की संस्कृति सम्पदा जिसमें लोकरंजन की कला नाट्य विधाओं को अच्छे से सहेजने की कार्ययोजना पर सम्वाद हुआ। वही मंडला जिले के विकास के पिछड़े परिदृश्यों में कैसे विकास के रंग भरे जाये आदि विषयों पर मंथन भी किया गया।
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*सम्मान से भी नवाजा गया*
कार्यक्रम में समाज की प्रतिभाओं को सम्मान से भी नवाजा गया। समाजसेवा में आदिवासी और गैर आदिवासी जनों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी विश्व आदिवासी पर्व दिवस पर सम्मान से नवाजा गया।
*हुए नृत्य और संगीत, चुटका परमाणु और विस्थापन पर भी हुई चर्चा*
आयोजन स्थल पर लोक सम्पदा को दरसाती लोक नृत्यांगना नाट्य कला की सुर संगीत के साथ प्रस्तुतिया के रंगारंग कार्यक्रम भी किये गये। इस मौके पर संस्कृति शोभा यात्रा भी निकाली गई। शोभा यात्रा के पूर्व मंडला जिले में बनने वाला चुटका परमाणु बिजली घर निर्माण के लिए महापंचायत सरकार से पुनर्विचार के मसौदे पर भी बात समाज द्वारा रखी गई।
इस मुद्दे में बरगी बाँध से विस्थापन का दंश से पीड़ितजनों की आवाज इस सम्मेलन के माध्यम से जानकारी भी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए दिये गये। जिले की एक बड़ी सरजमी और चुटका परमाणु के आसपास बाँध के जल संग्रहण इलाके में स्थानीय लोगों को जल संकट का सामना कैसे करना पड़ता हैं कि बात भी सामने रखी गई।
*पत्रकार और समाजसेवी को भी किया गया सम्मानित*
विश्व स्वदेसी आदिवासी दिवस पर आयोजन समिति द्वारा जिले में जनहित कार्यों और साहसिक कार्यों व जिले के विकास और जन समस्याओं को उठाने वाले निडर पत्रकार शिव कुमार दोहरे, स्माईल खान, नीरज अग्रवाल, सलिल राय को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
इसी तरह बेजोड़ फोटो ग्राफी के लिए संतोष तिवारी व कपिल वर्मा को भी सम्मानित किया गया। इसी तरह होमगार्ड सिविल डिफेंस के सदस्य विदिप मरकाम, व होम गार्ड से हवलदार कोमल सिंह धुर्वे, प्लाटून कमांडर हेमराज परस्ते को भी सम्मानित किया गया। इसी तरह रोटरी क्लब से संजय तिवारी,अजय खोत,लक्ष्मी कांत पटैल को भी सम्मानित किया गया।
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*पारंपरिक संस्कृति छटा बिखेरते हुए चार चाँद लगाये*
स्वदेशी पर्व दिवस सम्मेलन में संस्कृति छटा को बिखेरते हुए आदिवासी समाज के द्वारा रीना, कर्मा, शैला के धुन में अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र, नगाड़ा, मांदर टिमकी के साथ अपने पारंपरिक वेश भूषा धोती-कुर्ता में शामिल होकर कार्यक्रम को चार चाँद लगाये